झारखंड में लाल आतंक से मुकाबले में काम आ रहे हार्डकोर नक्सली, पुलिस का अभियान हुआ तेज

Jharkhand Naxalites Hindi News पुलिस अनधिकृत रूप से आत्मसमर्पण कर चुके बड़े नक्सलियों को ढाल बनाकर जंगलों में अभियान चला रही है। पुलिस के साथ नक्सल विरोधी अभियान में दर्जनभर हार्डकोर शामिल हैं। इस दौरान पुलिस को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 07:13 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 07:21 AM (IST)
झारखंड में लाल आतंक से मुकाबले में काम आ रहे हार्डकोर नक्सली, पुलिस का अभियान हुआ तेज
Jharkhand Naxalites, Hindi News पुलिस के साथ नक्सल विरोधी अभियान में दर्जनभर हार्डकोर शामिल हैं।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में लाल आतंक से मुकाबले में हार्डकोर नक्सली पुलिस के काम आ रहे हैं। करीब दर्जनभर उग्रवादी अनधिकृत रूप से दो महीने पहले आत्मसमर्पण कर चुके हैं और पुलिस के साथ कदम से कदम मिलाकर नक्सलियों के सफाए में जुटे हैं। अनधिकृत रूप से आत्मसमर्पण कर चुके इन नक्सलियों को ढाल बनाकर पुलिस अब जंगलों में अभियान चला रही है। इसका लाभ भी मिल रहा है। दो महीने के भीतर पुलिस को नक्सल प्रभावित सारंडा व बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में कोई नुकसान नहीं हुआ और नक्सलियों पर दबिश बढ़ाने में सहयोग मिला है।

जिन नक्सलियों ने अनधिकृत रूप से पुलिस के पास आत्मसमर्पण किया है, उनमें बिहार के जहानाबाद के करौना सलेमपुर निवासी 25 लाख का इनामी स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य उमेश यादव उर्फ विमल उर्फ राधेश्याम यादव, सरायकेला के इचागढ़ निवासी 10 लाख का इनामी जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक, दो लाख का इनामी एरिया कमांडर बैलून सरदार, सक्रिय सदस्य सूरज, सूरज की पत्नी के अलावा आधा दर्जन सक्रिय माओवादी शामिल हैं। इन्हें माओवादियों के खिलाफ अभियान में पुलिस अपने साथ रखी है, ताकि अभियान को कारगर बनाया जा सके।

सारंडा में पुलिस को सहयोग कर रहा महाराज प्रमाणिक व बैलून सरदार

पुलिस के पास अनधिकृत रूप से माओवादियों का जोनल कमांडर 10 लाख का इनामी महाराज प्रमाणिक, एरिया कमांडर बैलून सरदार, सूरज, सूरज की पत्नी व अन्य नक्सलियों के दस्ते ने आत्मसमर्पण किया था। इन्हें अब तक अधिकृत रूप से सामने नहीं लाया गया है। जानकारी मिली है कि ये हार्डकोर नक्सली सारंडा क्षेत्र में पुलिस को सहयोग कर रहे हैं।

इनके सहयोग से पुलिस को पश्चिमी सिंहभूम के गुदड़ी, टोंटो आदि थाना क्षेत्रों में दो महीने के भीतर बेहतर सफलता हाथ लगी है। ओडिशा व पश्चिम बंगाल की सीमा पर इन नक्सलियों के सहयोग से पुलिस को अभियान चलाने में सफलताएं मिल रही हैं। हाल में माओवादी कांडे होनहागा दस्ते का नक्सली वीर सिंह मुंडारी की गिरफ्तारी व गुदड़ी में भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी के पीछे भी इन्हीं नक्सलियों का सहयोग बताया जा रहा है।

बूढ़ा पहाड़ पर विमल के सहयोग से जारी है अभियान

लातेहार में पिछले दिनों माओवादियों का स्पेशल एरिया कमेटी (सैक) सदस्य 25 लाख रुपये का इनामी उमेश यादव उर्फ विमल उर्फ राधेश्याम यादव ने अनधिकृत रूप से आत्मसमर्पण किया था। पुलिस अब तक उसे अधिकृत रूप से सामने नहीं ला सकी है। बताया जा रहा है कि विमल की निशानदेही पर बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में पुलिस का अभियान जारी है। हालांकि, विमल के माध्यम से पुलिस को कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है और शीघ्र ही उसका विधिवत आत्मसमर्पण कराया जा सकता है। विमल यादव मूल रूप से बिहार के जहानाबाद जिले के करौना सलेमपुर का रहने वाला है।

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