Tokyo Olympics: भारतीय महिला हॉकी टीम में खेल रही झारखंड की इस बेटी से काफी उम्मीदें, देश देख रहा बड़ा सपना
टोक्यो ओलिंपिक में बुधवार यानि आज भारतीय महिला हॉकी टीम अर्जेंटीना के साथ अपना सेमीफाइनल मुकाबला खेलेगी। इस टीम में झारखंड के नक्सल प्रभावित खूंटी जिले के एक छोटे से गांव से निकली बेटी निक्की प्रधान भी शामिल है।
खूंटी, जासं। टोक्यो ओलिंपिक में बुधवार यानि आज भारतीय महिला हॉकी टीम अर्जेंटीना के साथ अपना सेमीफाइनल मुकाबला खेलेगी। इस टीम में झारखंड के नक्सल प्रभावित खूंटी जिले के एक छोटे से गांव से निकली बेटी निक्की प्रधान भी शामिल है। एक छोटे से कस्बे से निकलकर इस बेटी ने इतिहास रच दिया। देश ओलिंपिक में एक और पदक का सपना देखने लगा है। ऑस्ट्रेलिया को हराकर टीम ने सेमिफाइनल में अपनी जगह पक्की करने के बाद अब अर्जेंटीना के साथ टीम के बेहतर प्रदर्शन के लिए खूंटी सहित पूरे झारखंड के खेल प्रेमी उम्मीद कर रहे हैं।
महिला हॉकी टीम में खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड के छोटे से गांव हेसल से आने वाली निक्की प्रधान टीम का हिस्सा हैं। वह दूसरी बार ओलिंपिक में खेल रही हैं। इससे पहले वर्ष 2016 में निक्की ने रियो ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था। अपने खेल की बदौलत निक्की ने अपने छोटे से गांव को भी नई पहचान दी है। निक्की के उपलब्धि पर उसके प्रारंभिक कोच, शिक्षक और जिला हॉकी संघ के सचिव दशरथ महतो ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा टीम में पदक जीतने की पूरी क्षमता है। जिला हॉकी संघ के उपाध्यक्ष अर्पणा हंस ने सफलता पर खुशी जताते हुए टीम को बधाई दी।
परिवार में उल्लास का माहौल
सोमवार को निक्की के पिता सोमा प्रधान व मां जीतनी देवी ने टीवी पर मैच देखा। मैच में जीत के बाद पूरे गांव में खुशी की लहर फैल गई। सभी एक-दूसरे को बधाई देने लगे। निक्की के पिता सोमा कहते हैं कि इस बार भारतीय महिला हॉकी टीम जीत कर ही देश लौटेगी। उन्हें उम्मीद है कि उसकी बेटी देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगी।गांव में पूरे दिन जश्न मनेगा। निक्की प्रधान पांच भाई बहनों में दूसरे नंबर पर है।
बड़ी बहन शशि प्रधान, दो छोटी बहन कांति और सरीना प्रधान तथा सबसे छोटा भाई गोविंद प्रधान भी हॉकी खिलाड़ी है। बड़ी बहन शशि तथा छोटी कांति प्रधान भी हॉकी के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी है और वर्तमान में रांची तथा धनबाद में रेलवे में पदस्थापित है। दूसरी ओर खूंटी के सांसद सह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भारतीय महिला हॉकी टीम की सफलता पर बधाई दी है।
मैच के अंतिम क्षणों में तनाव में आ गए थे खेल प्रेमी
सोमवार को आस्ट्रेलिया टीम के साथ खेले गए क्वार्टर फाइलन मैच को लेकर जिले में उत्साह का माहौल था। मैच शुरू होने के पहले से ही हॉकी खिलाड़ी व खेल प्रेमी टीवी के सामने एकत्रित हो गए थे। भारतीय महिला हॉकी टीम ने मजबुत आस्ट्रेलिया टीम का शानदार मुकाबला किया और जीत हासिल कर इतिहास रचा। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के बाद महिला हॉकी टीम ने भी सेमीफाइनल में प्रवेश कर हॉकी खिलाड़ियों औार खेल प्रेमियों को दोगुणा खुशी दिया। क्वार्टर फाइनल में शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए भारतीय महिला टीम के खिलाड़ियों जता दिया कि वे भी किसी से कम नहीं है।
मैच के अंतिम क्षणों में मैच देख रहे खिलाड़ी व खेल प्रेमियों को उस समय गहरा झटका लगा जब मैच समाप्ति के लगभग छह मिनट पहले ओलंपिक में खेल रही खूंटी की बेटी निक्की प्रधान को ग्रीन कार्ड दिखाकर मैदान से बाहर कर दिया। निक्की प्रधान के बाहर निकलते ही जिले के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों में मायूसी छा गई। मैच के आखिरी कुछ मिनटों के लिए लोग अपनी बेटी का खेल देखने से वंचित हो गए। निक्की प्रधान के बाहर होने के बाद महिला टीम ने दस खिलाड़ियों से खेलते हुए कड़ा संघर्ष किया। इस बीच जब मैच समाप्ति के करीब तीन मिनट पहले आस्ट्रेलिया टीम को लगातार दो पेनाल्टी कॉर्नर मिलने से मैच देख रहे खेल प्रेमी तनाव में आ गए।
इस दौरान लोग अपने-अपने आरध्यदेव से भारतीय टीम के विजयी होने की प्रार्थना करने लगे। आस्ट्रेलया टीम के खिलाड़ी अंतिम क्षणों में मिले इस पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर मैच को बराबरी करने का रणनीति बनाया, लेकिन भारतीय टीम की मजबूत रक्षा पंक्ति ने आस्ट्रेलिया टीम के आक्रमण को ध्वस्त कर दिया। इसके थोड़ी देर बाद ही रेफरी ने लंबी सीटी बजाई, जिसके बाद हॉकी खिलाड़ी व खेलप्रेमी उछल पड़े और इस ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई देने लगे। अब लोगों में भरोसा जग गया है कि भारतीय महिला हॉकी टीम पदक लेकर ही स्वदेश लौटेगी।