हादसे में खो बैठे थे हाथ की हड्डी व मांस, डॉक्‍टरों ने कमर से चर्बी लेकर दी नई जान

Gurunanak Hospital Ranchi हाथों में जान डालने और बचाने का काम गुरुनानक अस्‍पताल के सर्जन डॉ सुनील कुमार और ऑर्थो सर्जन डॉक्टर पंकज कुमार ने किया। इसके लिए तीन ऑपरेशन किए गए। मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 05:41 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 05:44 PM (IST)
हादसे में खो बैठे थे हाथ की हड्डी व मांस, डॉक्‍टरों ने कमर से चर्बी लेकर दी नई जान
हाथ का ऑपरेशन करने के बाद मरीज व डॉक्‍टर।

रांची, जासं। जिस मरीज के हाथ की हड्डी और ऊपरी सतह का मांस एक सड़क दुर्घटना में गायब हो गया था, उन्हीं हाथों को बचाने का काम गुरुनानक अस्पताल के चिकित्सकों ने किया है। मांस गायब होने के बाद भी हाथों में जान डालने और बचाने का काम सर्जन डॉ. सुनील कुमार और ऑर्थो सर्जन डॉक्टर पंकज कुमार ने किया। एक नवंबर को डाल्टनगंज सड़क दुर्घटना में मनोज प्रजापति ( 50) का हाथ बुरी तरह से कुचल गया था। इसमें इनके बाएं हाथ की दो हड्डियां टूट गई थी।

एक हड्डी का कुछ हिस्सा टूट कर दुर्घटना स्थल पर गिर गया था। हथेली के ऊपरी हिस्से का मांस भी टायर से कुचला कर गिर गया था। इस दौरान उसने किसी स्थानीय चिकित्सक से इलाज भी कराया। 13 नवंबर को डॉक्टर सुनील कुमार के संपर्क में मरीज आया और इलाज के लिए भर्ती हुआ। जांच के बाद 17 नवंबर को डॉ. सुनील कुमार और डॉ. पंकज कुमार ने ऑपरेशन किया। दोनों हड्डी में नेल डाला गया। और उसको ढकने के लिए ग्रोइन फ्लैप कमर के मांस से हाथ को जोड़ दिया गया।

21 दिन के बाद हाथ को कमर के बाल से काट कर अलग किया गया। 3 दिन में मरीज की अस्पताल से छुट्टी कर दी गई। तीसरी बार मरीज को 12 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पैर से फीबुला हड्डी को काटकर हाथ में जोड़ा गया। हड्डी को जोड़कर प्लेटिंग किया गया। इसके बाद अस्पताल से मरीज को छुट्टी दे दी गई है और मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है। सबसे बड़ी बात यह है कि मरीज का तीनों ऑपरेशन आयुष्मान भारत के अंतर्गत किया गया।

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