मेरा वैद्य गुरु गोविदा हर हर नाम औखद मुख देवे काटे जम की फंदा..

गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा कृष्णा नगर कालोनी द्वारा गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के 354वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य मे सुबह 7.45 बजे तथा रात 8 बजे विशेष दीवान सजाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 05:30 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 05:30 AM (IST)
मेरा वैद्य गुरु गोविदा हर हर नाम औखद मुख देवे काटे जम की फंदा..
मेरा वैद्य गुरु गोविदा हर हर नाम औखद मुख देवे काटे जम की फंदा..

जासं, रांची : गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा कृष्णा नगर कालोनी द्वारा गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के 354वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य मे सुबह 7.45 बजे तथा रात 8 बजे विशेष दीवान सजाया गया। दीवान की शुरुआत स्त्री सत्संग सभा की शीतल मुंजाल द्वारा राजन के राजा महाराजन के राजा तुम हो .. एवं वह परगटयो पूरख भगवंत रूप गुर गोबिंद सूरा.. शबद गायन से हुई। मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जेवेंदर सिंह ने कथावाचन कर गुरु गोविद सिंह जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने खालसा का सृजन किया। उनके बलिदान को लोगों के लिए प्रेरणा बताया। हजुरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह एवं साथियों ने कृपा कर श्याम इहे बार दीजै.. एवं मेरा वैद्य गुरु गोविदा हर हर नाम औखद मुख देवे काटे जम की फंदा.. शबद गायन कर संगत को निहाल किया। उन्होंने साध संगत को वाहे गुरू का जाप भी कराया। सत्संग सभा के महासचिव रामकृष्ण मिढ़ा ने साध संगत को प्रकाश पर्व की बधाई दी। गुरु का अटूट लंगर चलाया

श्री आनंद साहिब जी के पाठ, अरदास, हुक्मनामा एवं कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ सुबह के दीवान की समाप्ति 10 बजे हुई। इस मौके पर गुरु का अटूट लंगर भी चलाया गया जिसमें संगत ने पंगत में बैठकर गुरु का लंगर चखा। रात का दीवान 8 बजे आरंभ हुआ। शबद गायन एवं कथावाचन के बाद रात 12 बजे प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में रखे गए श्री अखंड पाठ की समाप्ति हुई। रात के दीवान की समाप्ति 12.30 बजे हुई। समाप्ति के बाद गुरु का अटूट लंगर चलाया गया। सत्संग सभा के अध्यक्ष हरविन्दर सिंह बेदी ने साध संगत को इसी तरह गुरुघर से जुड़े रहने का आह्वान किया एवं 23 और 24 जनवरी को सत्संग सभा द्वारा सजाए जाने वाले दीवानों में भी हाजिरी भर गुरुघर की खुशियां प्राप्त करने की अपील की।

विशेष दीवान में द्वारका दास मुंजाल, हरगोविद सिंह, अर्जुन मिढ़ा, सूंदर दास मिढ़ा, अमरजीत गिरधर, लेखराज अरोड़ा, महेश सुखीजा, इंदर मिढ़ा, रमेश पपनेजा, लक्ष्मण दास मिढ़ा, पवनजीत खत्री, प्रेम मिढ़ा, रमेश गिरधर, प्रेम सुखीजा, वेद प्रकाश मिढ़ा, अशोक मुंजाल, सुभाष मिढ़ा, गूंज काठपाल समेत अन्य शामिल हुए। सभा के नरेश पपनेजा ने बताया कि दोनों दीवानों में लंगर की सेवा में अशोक गेरा, अर्जुन दास मिढ़ा, सुरेश मिढ़ा, चरणजीत मुंजाल आदि की भागीदारी रही।

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