गुमला में 15 दिनों में 10 लोगों की मौत, कोरोना जांच की जगह झाड़ फूंक के कारण जा रही जान VIDEO
Gumla Corona Update Jharkhand Samachar बिशुनपुर में सर्दी बुखार से पिछले 15 दिनों में 10 लोगों की मौत हो गई है। पिता की मौत के बाद पुत्र बीमार हुआ तो ओझा झाड़ फूंक करने लगा। गांव में एक दर्जन से ज्यादा लोग सर्दी-जुकाम व बुखार से पीड़ित हैं।
बिशुनपुर (गुमला), [अरुण कुमार गिरी]। Gumla Corona Update, Jharkhand Samachar गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों की जिद व गलत अफवाह के कारण वैक्सीनेशन का कार्य गांव में रुका हुआ है। घाघरा, निराशी, हेलता, चिरोडीह, नरमा, बनारी, अमतीपानी, सेरका एवं गुरदारी पंचायतों के तमाम गांव में कोरोना वायरस के लक्षण जैसे सर्दी, बुखार, खांसी आदि बीमारी फैल गया है। इससे अब तक 15 दिनों में कुल 10 लोगों की मौत हो चुकी है।
ग्रामीणों के बीच अंधविश्वास अभी भी हावी है। इसके कारण मौत से जूझ रहे लोगों को स्वस्थ करने के लिए ओझा गुणी का सहारा अब भी इन गांव के लोग ले रहे हैं। यह ग्रामीणों के लिए काफी खतरनाक साबित हो रहा है। गांव में दर्जन भर से ज्यादा लोग अब भी सर्दी, खांसी व बुखार से पीड़ित हैं। ग्रामीणों के अनुसार सर्दी-बुखार एवं सांस लेने में तकलीफ होने पर कटिया गांव के भाला महली, चिपरी गांव के बुधना उरांव, लबगा गांव के सहरंग खेरवार, बुधराम खेरवार हेलता गांव के काशी नाथ महतो, बनालत के ब्रिजमोहन सिंह खेरवार, बनारी लाइन टोली के विनोद किंडो, सेरका के सोनूआ उरांव एवं बनारी में एक वृद्ध एवं एक वृद्धा की मौत हो चुकी है।
इसे ग्रामीण कोरोना बीमारी से हुई मौत के रूप में मान रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इन सभी लोगों में कोरोना जैसे लक्षण दिखाई दे रहे थे। लेकिन जांच नहीं होने के कारण स्पष्ट रूप से बताना मुश्किल है। पहले इस गांव में कोई भी बीमार नहीं थी। सबसे पहले लोगों को सर्दी और बुखार होना शुरू हुआ। इसके चार-पांच दिन के बाद उनको सांस लेने में दिक्कत होने लगी और बाद में मौत हो गई।
झारखंड के गुमला के बिशुनपुर प्रखंड में लोग सर्दी-खांंसी व बुखार होने पर ओझा गुणी से झाड़-फूंक करा रहे हैं। कोरोना का सबसे बड़ा लक्षण होने के बाद भी जांच नहीं करवा रहे। इससे लोगों की जान जा रही है। यहां 15 दिनों में 10 लोगों की मौत हो गई है।#COVID19India #COVID19 pic.twitter.com/vKCurEvgku
— Sujeet Kumar Suman (@sujeet_hzb) May 13, 2021
कोरोना जांच की जगह गांव में झाड़-फूंक करा रहे हैं ग्रामीण
बिशुनपुर प्रखंड में लोग आज भी अंधविश्वास से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। यही वजह है कि इस महामारी के दौर में भी घर में किसी की तबीयत खराब होने पर लोग अस्पताल जाकर जांच कराना उचित नहीं समझ रहे हैं। बल्कि अपने घर में ओझा बुलाकर उससे झाड़-फूंक कराने का काम कर रहे हैं। इस कारण लोगों की जान तक चली जा रही है। बनालात गांव में बृजमोहन सिंह खेरवार की 12 दिन पूर्व मौत हो चुकी है।
इसके बाद उसके बड़े बेटे की तबीयत खराब हुई तो परिजनों के द्वारा गुरुवार को आंवरा टोली गांव से ओझा बुलाकर उससे झाड़-फूंक कराना शुरू किया। इसकी जानकारी मिलने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी छंदा भट्टाचार्य, अंचलाधिकारी धनंजय पाठक, थाना प्रभारी सदानंद सिंह बनालात गांव पहुंचे। यहां पर उन्होंने ओझा को जमकर फटकार लगाई और उसे वहां से भगा दिया। वहीं परिजनों को बीमार व्यक्ति का इलाज अस्पताल में कराए जाने की बात कही। इसके बाद बीमार को अस्पताल ले जाने की तैयारी शुरू की गई।
'गांव में सर्दी, खांसी व बुखार से दर्जनों लोगों पीड़ित हैं। वे ओझा गुणी से झाड़ फूंक करा रहे लेकिन अस्पताल जाना नहीं चाहते। बनालात गांव में सूचना मिलने पर जब वे लोग पहुंचे तो बुखार से तड़प रहे युवक को ओझा द्वारा झाड़ फूंक किया जा रहा था। तब उसे फटकार लगाई गई और बीमार को अस्पताल भेजवाने की व्यवस्था की गई।' -छदा भट्टाचार्जी, प्रखंड विकास पदाधिकारी।