GST Rate Increase: कपडों पर जीएसटी दर बढ़ाने की घोषणा का विरोध कर रहे व्यापारी

GST Rate Increase कोरोना काल(Corona Period) से उबर रहे वस्त्र उद्योग को फिर से झटका लगने की संभावना है। विगत दिनों जीएसटी परिषद(GST Council) द्वारा वस्त्र और परिधान सामग्री पर जनवरी 2022 से जीएसटी(GST) में पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की गई है।

By Sanjay KumarEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 02:01 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 02:01 PM (IST)
GST Rate Increase: कपडों पर जीएसटी दर बढ़ाने की घोषणा का विरोध कर रहे व्यापारी
GST Rate Increase: कपडों पर जीएसटी दर बढ़ाने की घोषणा का विरोध कर रहे व्यापारी

रांची (जासं)। GST Rate Increase: कोरोना काल(Corona Period) से उबर रहे वस्त्र उद्योग को एक बार फिर से झटका लगने की संभावना व्यक्त की जा रही है। विगत दिनों जीएसटी परिषद(GST Council) द्वारा वस्त्र और परिधान सामग्री पर जनवरी, 2022 से जीएसटी(GST) में पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की गई है। वस्त्र व्यापारी(Clothing Merchant) सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि जीएसटी में 12 तक प्रतिशत की वृद्धि होने पर राजधानी रांची(Ranchi) के वस्त्र बाजार के कारोबार पर 30-40 प्रतिशत का असर पड़ेगा, क्योंकि इससे धागे महंगे होंगे, तो रेडिमेड वस्त्र(Readymade Garments) भी महंगे होंगे। बाजार(Market) में महंगाई के कारण मांग में भी गिरावट आएगी।

इस घोषणा पर फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज(Federation of Jharkhand Chamber of Commerce and Industries) ने भी आपत्ति जताते हुए जीएसटी परिषद को इसपर पुनर्विचार करने का का आग्रह किया गया है। जबकि फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार(Federation of All India Trade) मंडल की ओर केंद्र सरकार(Central Government) को ज्ञापन भी दिया गया है।

कपड़ों पर 12 प्रतिशत जीएसटी कर दिया गया है लागू:

बताया जा रहा है कि जीएसटी परिषद द्वारा की गई नई घोषणा के मुताबिक फैब्रिक, धागे के अलावा रेडिमेड कपड़ों पर भी 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। जीएसटी बढ़ने के बाद जिन वस्त्रों की कीमत एक हजार रुपये हैं, उन पर ही पांच प्रतिशत का जीएसटी लगता था। लेकिन अब सभी कपड़ों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लागू कर दिया गया है। इससे उत्पादन के साथ ही बिक्री पर भी असर पड़ेगा। शहर के वस्त्र व्यापारियों का कहना है कि पहले पांच प्रतिशत जीएसटी लगता था। लेकिन अब इसे सात प्रतिशत बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने की घोषणा की गई है। इससे स्टॉक की वैल्यूवेशन पर निवेश बढ़ जाएगा। कपड़ा और भी महंगा हो जाएगा। उत्पादन और बिक्री पर भी असर पड़ेगा।

साल भर में धागा व अंडर गारमेंट्स की कीमत में ही हुई 15 से 20 प्रतिशत वृद्धि :

व्यापारियों के अनुसार एक साल के दौरान मिल वालों ने धागा व अंडर गारमेंट्स की कीमतों में ही 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है। इस दौरान त्योहारी सीजन में सरकार से लॉकडाउन में छूट मिलने से कोरोना काल से बाजार धीरे-धीरे उबर ही रहा है। लेकिन अब सरकार द्वारा वस्त्र एवं वस्त्र सामग्री में जीएसटी 12 प्रतिशत तक करने की घोषणा से दिक्कतें और बढ़ जाएंगी। इससे कारोबार पर 30-40 प्रतिशत का असर पड़ेगा।

शहर में प्रति माह 300 करोड़ तक होता है वस्त्र व्यापार :

राजधानी में प्रति माह 300 करोड़ रुपये तक का कपड़ों का कारोबार होता है। अपर मार्केट में स्थित महावीर चौक, गांधी चौक व रंगरेजगली शहर का सबसे बड़ा कपड़ों का मार्केट माना जाता है। इसके अलावा वेंडर मार्केट, कोकर बाजार, रातू रोड, पिस्का मोड़ सहित शहर के अन्य बाजारों में भी कपड़ों के सैकड़ों दुकानें अवस्थित हैं। विभिन्न मॉल के अलावा अलबर्ट एक्का चौक, सर्जना चौक, मेन रोड, कोकर आदि इलाके में फुटपाथ पर भी कपड़ों का अच्छा-खासा बाजार सजता है। शहर में कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, लुधियाना, सूरत, अहमदाबाद आदि शहरों से कपड़ों की आवक होती है।

पांच प्रतिशत जीएसटी लागू होने से कपड़े पहले से मिल रहे महंगे:

झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ के कार्यकारिणी सदस्य प्रमोद सारस्वत ने कहा कि पांच प्रतिशत जीएसटी लागू होने से बाजार में कपड़े पहले से महंगे मिल रहे हैं। अब जीएसटी में वृद्धि करने से महंगाई और भी बढ़ेगी। उत्पादन और बिक्री पर असर पड़ेगा। इसलिए सरकार से आग्रह है कि वह अपने इस निर्णय पर एक बार फिर से विचार करे।

कोरोना काल में सबसे अधिक वस्त्र व्यवसाय ही हुआ था प्रभावित:

फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल के मीडिया सेल चेयरमेन संजय सर्राफ का कहना है कि इस घोषणा का असर सबसे ज्यादा छोटे व्यापारियों पर पड़ेगा। कोरोना काल में सबसे अधिक वस्त्र व्यवसाय ही प्रभावित हुआ था। अब कोरोना से धीरे-धीरे उबरते हुए कारोबार पटरी पर आ ही रही थी कि सरकार ने जीएसटी वृद्घि की घोषणा कर दी। इससे व्यापार पर असर पड़ेगा।

वस्त्र एवं वस्त्र सामग्री पर 12 प्रतिशत तक जीएसटी वृद्धि करने की घोषणा से महंगाई बढ़ेगी:

कपड़ा व्यापारी संतोष अग्रवाल का कहना है कि कुछ हद तक उबरने के बाद बाजार अभी पूरी तरह से कोरोना के प्रभाव से उबरा नहीं है। लोगों के खरीदारी की क्षमता पर असर पड़ा है। ऐसे में, अब जीएसटी परिषद द्वारा वस्त्र एवं वस्त्र सामग्री पर 12 प्रतिशत तक जीएसटी वृद्धि करने की घोषणा से महंगाई बढ़ेगी। इससे कारोबार पर भारी असर पड़ने की संभावना है।

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