15 वें वित्त आयोग की राशि मिली, स्थापना व्यय का पेच फंसा

झारखंड ने 15 वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित अनुदान से स्थापना मद में भी राशि व्यय करने की अनुमति केंद्र सरकार से मांगी है। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने इस संदर्भ में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा है। दरअसल 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर राज्य को राशि तो उपलब्ध कराई जा रही है लेकिन इसमें स्थापना व्यय का प्रावधान नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 12:54 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 12:54 AM (IST)
15 वें वित्त आयोग की राशि मिली, स्थापना व्यय का पेच फंसा
15 वें वित्त आयोग की राशि मिली, स्थापना व्यय का पेच फंसा

रांची : झारखंड ने 15 वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित अनुदान से स्थापना मद में भी राशि व्यय करने की अनुमति केंद्र सरकार से मांगी है। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने इस संदर्भ में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा है। दरअसल 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर राज्य को राशि तो उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन इसमें स्थापना व्यय का प्रावधान नहीं है।

प्रेषित पत्र में आलमगीर आलम ने 14 वें वित्त आयोग का हवाला देते हुए बताया है कि तब प्रशासनिक एवं तकनीकी मद में ग्राम पंचायतों को 10 फीसद राशि मुहैया कराई जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। केंद्रीय वित्त आयोग एवं अन्य विभागों द्वारा सौंपे गए कार्यों के फलस्वरूप पंचायतों के दायित्वों, कार्यक्षेत्र एवं बोझ में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में पंचायतों में लेखा लिपिक सह कंप्यूटर आपरेटर एवं कनीय अभियंता की आवश्यकता बनी हुई है।

वर्तमान में 15 वें वित्त आयोग मद में प्राप्त राशि से स्थापना मद में व्यय नहीं किया जाना है, जिसके कारण लेखा लिपिक सह कंप्यूटर आपरेटर एवं कनीय अभियंता के मानदेय का भुगतान संभव नहीं है। ऐसा नहीं होने से 15 वे वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित अनुदान से ली जाने वाली योजनाओं का सही से अनुश्रवण संभव नहीं हो पा रहा है।

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कहां व्यय होगी राशि

15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में त्रिस्तरीय पंचायतों को राशि मुहैया कराई जा रही है। इसका 75 फीसद हिस्सा ग्राम पंचायत, 15 फीसद पंचायत समिति को और 10 फीसद हिस्सा जिला परिषद को मुहैया कराया जा रहा है। इस राशि का उपयोग किसी प्रकार के वेतन एवं मानदेय भुगतान में नहीं किया जाएगा।

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