सांसद निशिकांत ने अदालत से कहा, किसी की भावना को ठेस पहुंचाना मकसद नहीं

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से दाखिल शिकायतवाद पर मंगलवार को गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे की ओर से सब जज वन वैशाली श्रीवास्तव की अदालत में पक्ष रखा गया। निशिकांत दुबे की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय की ओर से जवाब दाखिल करते हुए कहा गया कि किसी की भावना को ठेस पहुंचाने की नीयत से सोशल मीडिया पर टिप्पणी नहीं की गई। वही बातें कही जो सार्वजनिक हैं। ट्वीट करके सिर्फ मामले की जांच की मांग की गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 01:11 AM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 01:11 AM (IST)
सांसद निशिकांत ने अदालत से कहा, किसी की भावना को ठेस पहुंचाना मकसद नहीं
सांसद निशिकांत ने अदालत से कहा, किसी की भावना को ठेस पहुंचाना मकसद नहीं

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से दाखिल शिकायतवाद पर मंगलवार को गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे की ओर से सब जज वन वैशाली श्रीवास्तव की अदालत में पक्ष रखा गया। निशिकांत दुबे की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय की ओर से जवाब दाखिल करते हुए कहा गया कि किसी की भावना को ठेस पहुंचाने की नीयत से सोशल मीडिया पर टिप्पणी नहीं की गई। वही बातें कही, जो सार्वजनिक हैं। ट्वीट करके सिर्फ मामले की जांच की मांग की गई।

मालूम हो कि बीते दिनों सांसद निशिकांत दुबे पर सीएम के खिलाफ सोशल मीडिया पर कई पोस्ट करने का आरोप लगा था। इस मामले में सीएम की ओर से गत चार अगस्त को सांसद निशिकांत दुबे, फेसबुक और ट्विटर पर 100-100 करोड़ रुपये मानहानि का दावा किया गया था। गत 13 अक्टूबर को प्रतिवादी निशिकांत दुबे और फेसबुक ने इस मामले में निषेधात्मक आवेदन पर जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से एक सप्ताह का समय मांगा था। इसपर अदालत की ओर से 20 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई थी। हालांकि, सीएम के अधिवक्ता अदालत में उपस्थित नहीं थे। अब इस मामले में वादी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जवाब देने के लिए तारीख निर्धारित की गई है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 24 नवंबर को होगी।

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एसिड पिलाने के मामले में वीसी के जरिए अदालत में पेश होगी पीड़िता

रांची : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में बुधवार को हजारीबाग की नाबालिग को एसिड पिलाने के मामले सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने पीड़िता को वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया। इस मामले में अगली सुनवाई छह नवंबर को होगी। सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि यह काफी गंभीर मामला है। अबतक के जवाब को देखने से ऐसा लगता है कि पुलिस अभियुक्त को बचाने का प्रयास कर रही है।

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि पीड़िता चाहे तो जिला विधिक सेवा प्राधिकार या राज्य विधिक प्राधिकार से वीडियो कांफ्रेंसिग से अदालत में उपस्थित हो सकती हैं। इसके अलावा अदालत ने हजारीबाग के प्रधान जिला न्यायाधीश को यह निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि पीड़िता पर किसी प्रकार का अनावश्यक दबाव अदालत में उपस्थित होने के लिए नहीं डाला जाए। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत में केस डायरी पेश कर दिया गया है। कोर्ट ने केस डायरी का अवलोकन नहीं किया था, इसलिए इस मामले की सुनवाई छह नवंबर को निर्धारित की गई है।

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