जरूरतमंद बच्चों को सच्चे दिल से करें मोबाइल दान
राज्य में 19 लाख ऐसे बच्चे हैं जो एंड्रायड फोन न होने की वजह से पिछड़ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, रांची : राज्य में 19 लाख ऐसे बच्चे हैं जो एंड्रायड फोन न होने की वजह से पिछले दो साल से आनलाइन पढ़ाई से वंचित हैं। ऐसे जरूरतमंद बच्चों के लिए दैनिक जागरण की ओर से दान करें मोबाइल, विद्या दान महादान अभियान की शुरुआत की गई है। बुधवार को इस अभियान के तहत आयोजित वेबिनार में राज्य की विभिन्न सरना समितियों के लोग शामिल हुए। लोगों ने कहा कि जो लोग जरूरतमंद बच्चों को मोबाइल दान करना कहते हैं, वे सच्चे दिल से करें। ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई के सपने को साकार कर सकें। झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव ने दैनिक जागरण की ओर से आयोजित वेबिनार में कहा कि कोरोना ने एजुकेशन सिस्टम को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। दो साल से अधिक हो गए, बच्चों ने स्कूल नहीं देखा। ऐसे में इस अभियान के माध्यम से हर उस बच्चे को अपना सपना पूरा करने का मौका मिलेगा। ऐसे में 'दान करें मोबाइल' अभियान आर्थिक तंगी से जूझ रहे बच्चों को उनके सपनों को उड़ान देने में अहम भूमिका निभा रहा है।
इधर, कोरोना की पहली और दूसरी लहर की टीस अभी लोगों के जेहन से उतरी नही कि नया वैरिएंट ओमिक्रोन अपना पैर फैलाने लगा है। ऐसी स्थिति में राज्य के प्राइमरी स्कूलों को खोलने पर सवाल उठने लगे हैं। वेबिनार में करीब आधा दर्जन संस्थाओं ने भाग लिया। इसमें जनजातीय सुरक्षा मंच की महिला टीम, प्रतिमा निर्माण समिति, भाजपा ओबीसी आदि के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने अभियान को समर्थन देने का संकल्प लिया।
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मोबाइल दान से बच्चों को मिलेंगे ये फायदे : - आनलाइन क्लासेस से शारीरिक दूरी बनी रहेगी और बच्चों को थकान नहीं होगी।
- इससे जब मन करे तब बच्चे स्टडी मटेरियल को डाउनलोड करके पढ़ सकते हैं।
- घर में अभिभावक भी पढ़ाई पर अपनी नजर रख पाएंगे।
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हमारे समाज के जिम्मेदारों ने कहा :
दैनिक जागरण की इस मुहिम को सलाम, की गरीब बच्चों के लिए इतनी अच्छी पहल की जा रही है। ऐसे में हम अपने संस्था की ओर से साथ ही पूरे समाज के लोगों से अपील करते है की वे अपना पुराना मोबाइल को सच्चे दिल से दान दें।
-मेघा उरांव, अध्यक्ष, आदिवासी सरना विकास समिति
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पुलिस अपने अभियान में समय-समय पर मोबाइल फोन जब्त करती है। उन मोबाइल फोन को गरीब बच्चों में दान किया जा सकता है। साथ ही थाना में सड़ रहे जब्त वाहनों को बेच कर अर्जित होने वाली पैसों से गरीब बच्चों की मदद की जा सकती है।
- कृष्णा कांत टोप्पो, महासचिव, केंद्रीय सरना समिति
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अधिकतर लोगों के घरों पर खराब पड़े मोबाइल है। वे सभी लोग इस अभियान का हिस्सा बन कर अपने मोबाइल को दान करें और बच्चों का भविष्य सुनिश्चित करने में भाग लें। साथ ही स्थानीय थानों में बहुत सारे मोबाइल आते हैं जोकि तहखाना में वर्षों तक पड़े रहते हैं। प्रशासन ऐसे मोबाइल को प्रशासनिक प्रक्रिया को पूरी करते हुए गरीब बच्चों तक पहुंचाएं।
-रवि मुंडा, महासचिव, चडरी सरना समिति
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इस कोरोना काल में गरीब बच्चे भी शिक्षा से वंचित ना हो सके इसके लिए जागरण के सहयोग से गरीब बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगाने के तौर पर जन आकांक्षाओं से भरी है। गरीब विद्यार्थियों के लिए यह है कि यह प्रयास मील का पत्थर साबित हिगी। यह जन जागरण अभियान मैं घर में खराब पड़ी हुई स्मार्टफोन को डोनेट कर लोग इससे अपना नाम भी कमा रहे हैं।
- डा. सुबास साहु, प्रदेश मीडिया प्रभारी, भाजपा ओबीसी मोर्चा
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यह एक अच्छी पहल है। हमारे देश के भविष्य हमारे बच्चे ही है। ऐसे में उनकी पढ़ाई में आ रही बाधा को दूर करने के लिए हम सबको आगे आना होगा। मोबाइल दान कर के हम सब उनकी भविष्य को संवार सकते है।
-पिकी सोया, अधिवक्ता व जनजातीय सुरक्षा मंच की महिला सदस्या।