मुंह ताकते रह गए बच्‍चे, इस स्कूल ने बाजार में बेच दीं सरकारी किताबें...

गिरिडीह के एक स्कूल में बड़ी संख्या में सरकारी किताबों की बिक्री किए जाने का मामला सामने आने के बाद शिक्षा सचिव राहुल शर्मा ने सभी जिलों के उपायुक्तों को यह आदेश दिया है। उन्होंने प्रत्येक जिले में पांच से दस स्कूलों की जांच करने को कहा है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 09:53 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 06:08 AM (IST)
मुंह ताकते रह गए बच्‍चे, इस स्कूल ने बाजार में बेच दीं सरकारी किताबें...
गिरिडीह के एक स्कूल ने सरकारी किताबें बाजार में बेच दीं।

रांची, जासं। सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को दी जाने वाली किताबें बाजार में तो नहीं बिक रही हैं, इसकी जांच होगी। स्कूलों में नामांकित छात्रों से अधिक किताबें तो नहीं मंगाई गईं, इसकी भी जांच होगी। गिरिडीह के एक स्कूल में बड़ी संख्या में सरकारी किताबों की बिक्री किए जाने का मामला सामने आने के बाद शिक्षा सचिव राहुल शर्मा ने सभी जिलों के उपायुक्तों को यह आदेश दिया है। उन्होंने प्रत्येक जिले में पांच से दस स्कूलों की जांच करने को कहा है।

दरअसल, गिरिडीह के फुलची मध्य विद्यालय में औचक निरीक्षण के क्रम में जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) अरविंद कुमार ने पाया था कि वहां बच्चों को दी जाने वाली किताबें बड़ी संख्या में बिक्री की गई र्हं। मामला सामने आने के बाद शिक्षा सचिव ने इसकी जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर दी है। संयुक्त सचिव गरिमा सिंह की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में संयुक्त सचिव संदीप कुमार, गिरिडीह के डीएसई अरविंद कुमार, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के पदाधिकारी प्रमोद कुमार सिन्हा, सचिन कुमार तथा उपायुक्त के एक प्रतिनिधि सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं।

इस कमेटी को गिरिडीह के उक्त स्कूल के अलावा सैंपल के रूप में पास के अन्य पांच स्कूलों में पिछले पांच वर्ष में उपलब्ध कराई गईं किताबों के वितरण की जांच कर सात दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है। नामांकित छात्रों, उनकी उपस्थिति तथा उपलब्ध कराई गईं किताबें, सभी की जांच होगी। साथ ही, इस तरह की गड़बड़ी अन्य जिलों में भी होने की संभावना बताते हुए अन्य जिलों के उपायुक्तों को भी इसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है।

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