जीईएल चर्च और सीएनआई ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए 5-5 लाख
रांची जीईएल चर्च व सीएनआइ ने मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में पांच-पांच लाख का दान दिया है। उन्होंने तत्संबंधी चेक मुख्यमंत्री को सापैा।
रांची : गोस्सनर इवैंजेलिकल लुथरन (जीईएल) चर्च केंद्रीय परिषद और चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सीएनआइ) की छोटानागपुर डायसिस के प्रतिनिधियों ने सीएम राहत कोष के लिए शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पांच-पांच लाख रुपये की राशि दी है। दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए चेक सौंपा।
जीईएल चर्च केंद्रीय परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने ्रकहा कि कोविड-19 महामारी जैसी विपदा की इस घड़ी में जीईएल चर्च सदैव सरकार के साथ है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि समाज, राज्य और राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में सबका सहयोग एवं एकजुटता महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए जीईएल चर्च केंद्रीय परिषद राची द्वारा किए जा रहे प्रयास की सराहना की तथा प्रतिनिधिमंडल को धन्यवाद दिया। मौके पर केंद्रीय परिषद राची के बिशप जॉनसन लकड़ा, महासचिव सुजया कुजूर, कोषाध्यक्ष सह वित्त सचिव प्रदीप कुजुर, ज्वाइंट सेक्रेट्री अटल खेस आदि उपस्थित थे।
चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सीएनआइ) की छोटानागपुर डायसिस के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें पांच लाख रुपये का चेक सौंपा। इसके अलावा मनोहरपुर संत अगस्टिन कॉलेज की ओर से भी मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 10 हजार रुपये का चेक दिया गया। मुख्यमंत्री ने सीएनआइ की छोटानागपुर डायसिस के प्रतिनिधिमंडल द्वारा की जा रही इस सामाजिक पहल की सराहना की। इस मौके पर सीएनआइ के उपसभापति पुरोहित मार्शलन गुड़िया एवं राजकुमार नागवंशी उपस्थित थे। पुलिस हिरासत में आत्महत्या करने वाले जब्बार के आश्रित को तीन लाख रुपये
रांची : साहिबगंज जिले में वर्ष 2017 में पुलिस हिरासत में अब्दुल जब्बार नाम के युवक की खुदकशी के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उसके आश्रित को तीन लाख रुपये मुआवजा देने की स्वीकृति दी है।
मिली जानकारी के अनुसार अब्दुल जब्बार के पुलिस हिरासत में खुदकशी के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस की लापरवाही पकड़ी थी। इसके बाद ही आयोग ने मृतक के आश्रित को तीन लाख रुपये मुआवजा देने की अनुशंसा की थी। आयोग की अनुशंसा के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को भुगतान की स्वीकृति दे दी है।
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प्रसूता की मौत मामले में पति को एक लाख रुपये का मुआवजा :
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गढ़वा जिले में वर्ष 2015 के एक मामले में भी एक लाख रुपये के मुआवजा की स्वीकृति दे दी है। मामला गढ़वा से संबंधित है। एक मृत बच्चे को कोख में लेकर चार दिनों तक इलाज के लिए भटकती प्रसूता ने भी दम तोड़ दिया था। इस मामले को भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया था और मुआवजे की अनुशंसा की थी। आयोग की अनुशंसा के बाद मुख्यमंत्री ने मृतका के पति को एक लाख रुपये के मुआवजे के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।