Garhwa News: गढ़वा के दर्जनभर बीडीओ से शोकॉज, बीपीओ के मानदेय पर रोक
Garhwa गढ़वा(Garhwa) जिले में मनरेगा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 में संपन्न सामाजिक अंकेक्षण(Social Audit) का एक्शन टेकेन रिपोर्ट(Tekken Report) (एटीआर) मनरेगासाफ्ट(MNREGASoft) में अपलोड नहीं करना जिले के दर्जनभर बीडीओ एवं मनरेगा बीपीओ को महंगा पड़ा। मंगलवार को विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक की गई।
गढ़वा(दीपक)। Garhwa: गढ़वा(Garhwa) जिले में मनरेगा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 में संपन्न सामाजिक अंकेक्षण(Social Audit) का एक्शन टेकेन रिपोर्ट(Tekken Report) (एटीआर) मनरेगासाफ्ट(MNREGASoft) में अपलोड नहीं करना जिले के दर्जनभर बीडीओ एवं मनरेगा बीपीओ को महंगा पड़ा। मंगलवार को विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक की गई। सामाजिक अंकेक्षण के एटीआर की समीक्षा(ATR Review) के दौरान पाया कि जिले के मझिआंव, बरडीहा, खरौंधी, कांडी, धुरकी, मेराल, रमना, चिनियां, डंडा, डंडई, भवनाथपुर एवं सगमा प्रखंड में शून्य राशि की वसूली हुई है।
बीपीओ का मानदेय रोकते हुए उनसे मांगा स्पष्टीकरण:
इसे उपायुक्त राजेश कुमार पाठक ने खेदजनक करार देते हुए संबंधित प्रखंड के बीडीओ से दो दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण तथा बीपीओ का मानदेय रोकते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। उपायुक्त ने उक्त प्रखंडों के बीडीओ को मामले से संबंधित पंचायतों के ग्राम रोजगार सेवकों को चिह्नित करते हुए उनसे स्पष्टीकरण लेकर अपने मंतव्य सहित कार्रवाई के लिए उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
सामाजिक अंकेक्षण के दौरान मामले को कार्रवाई के लिए किया गया था सूचीबद्ध:
जानकारी के अनुसार सामाजिक अंकेक्षण के दौरान मझिआंव प्रखंड में 198, बरडीहा में 112, खरौंधी में 166, कांडी में 476, धुरकी में 112, मेराल में 270, रमना में 113, चिनियां में 91, डंडा में 244, डंडई में 257, भवनाथपुर में 159 तथा सगमा प्रखंड में 41 मामले को कार्रवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था। साथ ही इन सभी मामलों में संबंधित लोगों से राशि वसूली कर एटीआर मनरेगासाफ्ट में लोड करना था। इसे संबंधित प्रखंड में नहीं किया गया।
उपायुक्त ने उक्त सभी प्रखंडों के बीडीओ को मामले को गंभीरता से लेते हुए राशि की वसूली कर उसे अविलंब मनरेगासाफ्ट में अपलोड करने का आदेश दिया है। उपायुक्त की उक्त कार्रवाई के बाद संबंधित लोगों में हड़कंप मची हुई है।