Jharkhand: मनरेगा में रुकेगा फर्जीवाड़ा, सख्ती से लागू होगा NMMS सिस्टम
मनरेगा योजना योजना ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराती है लेकिन इस योजना से जुड़ी फर्जीवाड़े की कहानियां भी कम नहीं है। योजनाओं से लेकर मजदूरी तक के भुगतान के तमाम मामलों में विसंगतियां सामने आती रहती हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो । मनरेगा योजना योजना ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराती है लेकिन इस योजना से जुड़ी फर्जीवाड़े की कहानियां भी कम नहीं है। योजनाओं से लेकर मजदूरी तक के भुगतान के तमाम मामलों में विसंगतियां सामने आती रहती हैं, ऐसे फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने और मनरेगा योजना को प्रभावी तथा पारदर्शी तरीके से क्रियान्वित करने के लिए नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) लगा गया है। यह सिस्टम ऊपर से नीचे तक के लोगों की जवाबदेही तय करेगा। सीधे शब्दों में समझें तो योजना के क्रियान्वयन में यदि ढिलाई बरती तो अधिकारी भी नपेंगे।
नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम दरअसल एक मोबाइल एप्लीकेशन है। जिसका उपयोग मनरेगा से जुड़े पूरे सिस्टम को करना है। निचले स्तर पर बात करें तो मनरेगा के मेट जिनके अंतर्गत करीब चालीस श्रमिक आते हैं, उन्हें अब प्रतिदिन 11 बजे तक योजना स्थल से रियल टाइम आधारित मास्टररोल में निहित मजदूरों की उपस्थिति विवरणी एवं योजना में मजदूरों का कार्य करते हुए फोटोग्राफ कैप्चर करते हुए अपलोड करना होगा। इतना ही नहीं इसका लोंगिट्यूड और एटीट्यूड भी देना होगा। अपलोड की गई उपस्थिति विवरणी के अनुसार ही मजदूरों को मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। ये जवाबदेही सिर्फ मेट तक ही सीमित नहीं रहेगी।
ब्लॉक से लेकर जिला और राज्य के बड़े अधिकारियों को भी औसतन 20 योजनाओं की मॉनीटिरंग करनी होगी और उन्हें भी मेट की तरह ही तमाम विवरण को मोबाइल एप पर भरकर रियल टाइम विवरण देना होगा। जाहिर है अब इस योजना में फर्जीवाड़े की गुंजाइश न के बराबर रह जाएगी। मेट से लेकर ऊपर तक के अधिकारियों की जवाबदेही तय होने से यह पारदर्शी सिस्टम प्रभावी होगा।
अगस्त तक 25 प्रतिशत और सितंबर तक राज्य की सभी पंचायतों में लागू करने का लक्ष्य नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम को अगस्त माह के अंत तक कम से कम 25 फीसद पंचायतों और सितंबर माह के अंत तक राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में लागू करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस बाबत अधिकारियों के प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और सभी मेट के प्रशिक्षण का कार्य 10 अगस्त तक पूर्ण कर लिया जाएगा। बता दें कि राज्य में करीब 4400 पंचायतें हैं।