भारतीय पुरुष टीम की तरह गलती ना करें महिला टीम, पूर्व ओलंपियनों ने कहा- 60 मिनट तक डटे रहना होगा
भारतीय महिला हाकी टीम बुधवार को सेमीफाइनल में अर्जेंटीना की मजबूत टीम के साथ भिडऩे को तैयार है। कागजों पर अर्जेंटीना की टीम मजबूत है लेकिन टोक्यो ओलिंपिक में अब तक भारतीय बेटियों ने जिस तरह का खेल दिखाया है उससे यह उम्मीद बनती है।
रांची [संजीव रंजन] । भारतीय महिला हाकी टीम बुधवार को सेमीफाइनल में अर्जेंटीना की मजबूत टीम के साथ भिडऩे को तैयार है। कागजों पर अर्जेंटीना की टीम मजबूत है लेकिन टोक्यो ओलिंपिक में अब तक भारतीय बेटियों ने जिस तरह का खेल दिखाया है उससे यह उम्मीद बनती है कि विश्व की नंबर दो टीम को भी पछाड़ने का मादा रखती है। झारखंड के पूर्व ओलंपियन कम से कम यही मानते हैैं। लेकिन इनका यह भी कहना है कि टीम को फाइनल में पहुंचने के लिए पूरे 60 मिनट तक मैदान में मुस्तैदी से डटा रहना होगा।
भारतीय पुरुष टीम तीन क्वार्टर तक बेल्जियम का डट कर मुकाबला की तब तक उसकी स्थिति ठीक थी लेकिन अंतिम 15 मिनट में टीम जैसी ही थोड़ी ढीली पड़ी विरोधी टीम ने दनादन गोल दाग दिए। यह गलती भारतीय महिला टीम को नहीं करनी होगी।
पूर्व ओलंपियन सिलवानुस डुंगडुंग ने कहा कि आस्ट्रेलिया को हराने के बाद टीम के हौसले बुलंद है और वह किसी भी टीम को हरा सकती है। लेकिन टीम के खिलाडिय़ों को पूरे 60 मिनट तक मैदान पर मुस्तैदी से डटा रहना होगा। जरा सी चूक टीम को भारी पड़ सकती है।
पूर्व ओलंपियन मनोहर टोप्पनो भी मानते हैैं कि भारतीय महिला टीम के पास फाइनल में पहुंचने का यह अच्छा अवसर है। टीम अगर 60 मिनट तक मैदान में डटी रही तो अर्जेंटीना को जीतना आसान नहीं होगा। भारतीय टीम ने जिस तरह आस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतरीन रक्षण का प्रदर्शन किया है उसे इस मैच में भी करना होगा।
पूर्व अंतरराष्ट्रीय महिला हाकी खिलाड़ी सावित्री पूर्ति ने कहा भारतीय टीम अच्छा खेल रही है। लेकिन जीत उसी टीम की होगी जो मैदान में 60 मिनट बेहतर खेल दिखायेगा। भारतीय लड़कियों को अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा।उन्हें यह मान कर मैच खेलना होगा कि यह मैच फाइनल है और हर हाल में जीतना है।