झारखंड में पूर्व आइपीएस अफसर ने बढ़ाई सक्रियता, राजनीति के हैं पुराने धुरंधर; जानें

Jharkhand News Rahul Gandhi Congress कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डाॅ. अजय कुमार जहां हाथ डालते हैं वहीं कामयाबी का स्वाद चखते हैं। करियर की शुरुआत बतौर डाॅक्टर की। उसके बाद आइपीएस अफसर काॅरपोरेट दिग्गज और इन सबसे ऊपर राजनीति में सफलता का परचम लहराया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 04:10 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 01:44 PM (IST)
झारखंड में पूर्व आइपीएस अफसर ने बढ़ाई सक्रियता, राजनीति के हैं पुराने धुरंधर; जानें
Jharkhand News, Rahul Gandhi Congress राहुल गांधी के साथ डॉक्‍टर अजय कुमार।

रांची, [प्रदीप सिंह]। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डाॅ. अजय कुमार की सार्वजनिक जीवन में सफलता से किसी को भी जलन हो सकती है। एक सामान्य शख्स को किसी एक क्षेत्र में सफलता पाने में पूरी उम्र गुजर जाती है, लेकिन ये इस मामले में भाग्यशाली कहे जा सकते हैं। मूलतः कर्नाटक के रहने वाले डाॅ. अजय कुमार की कर्मभूमि झारखंड-बिहार रही है। आरंभिक पढ़ाई हैदराबाद से की और डाॅक्टर बने। इसके बाद संघ लोक सेवा आयोग के जरिए भारतीय पुलिस सेवा में एंट्री मारी तो बिहार कैडर में चयनित हुए।

पटना में तब अपराधियों की तूती बोलती थी, लेकिन डाॅ. अजय कुमार के खौफ से वे कांपते थे। तब जमशेदपुर में संगठित अपराधी गिरोह पनप रहे थे। उन्हें पुलिस अधीक्षक की कमान मिली तो महज कुछ महीने में विधि-व्यवस्था न सिर्फ सामान्य हुआ, बल्कि अपराधी शहर छोड़कर भाग खड़े हुए। इसके बाद उन्होंने कारपोरेट जगत में रुचि दिखाई। टाटा समूह से जुड़कर लंबे अरसे तक काम किया। वहां से राजनीति में लंबी छलांग लगाई और पहली बार में जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए।

बाद में कांग्रेस ने इन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी तो न सिर्फ संगठन को चुस्त किया बल्कि उपचुनाव में जीत के परचम भी लहराए। हालांकि पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी में हाथ आजमाया, लेकिन मन नहीं लगा तो वापस लौट आए। उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता का दायित्व सौंपा गया है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस उन्हें एक दफा फिर झारखंड में पार्टी की कमान सौंप सकती है। वे लगातार सक्रिय हैं और अपने विश्वस्तों के संपर्क में हैं। हालांकि इस बाबत पूछे जाने पर वे कहते हैं कि पार्टी उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपेगी, उसे वे ईमानदारी से पूरा करेंगे।

झारखंड में सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा है कांग्रेस

देश की चुनावी राजनीति में कांग्रेस भले पिछड़ रही हो, लेकिन झारखंड में पार्टी झामुमो के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है। कांग्रेस के 16 विधायक हैं। इसके अलावा दो अन्‍य विधायकों ने भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है, लेकिन उन्हें अभी तक मान्यता नहीं मिली है। राज्य सरकार में कांग्रेस कोटे से चार मंत्री हैं। डाॅ. अजय कुमार की सक्रियता को कांग्रेसी खेमे में गंभीरता से लिया जा रहा है।

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