रामनवमी पर महावीर मंडल के पांच सदस्य तपोवन मंदिर में करेंगे झंडा पूजा, भीड़-भाड़ की इजाजत नहीं

जागरण संवाददाता रांची कोराना संक्रमण के बीच श्रीमहावीर मंडल रांची ने निर्णय लिया है कि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 08:24 AM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 08:24 AM (IST)
रामनवमी पर महावीर मंडल के पांच सदस्य तपोवन मंदिर में करेंगे झंडा पूजा, भीड़-भाड़ की इजाजत नहीं
रामनवमी पर महावीर मंडल के पांच सदस्य तपोवन मंदिर में करेंगे झंडा पूजा, भीड़-भाड़ की इजाजत नहीं

जागरण संवाददाता, रांची : कोराना संक्रमण के बीच श्रीमहावीर मंडल रांची ने निर्णय लिया है कि 21 अप्रैल रामनवमी के दिन निवारणपुर स्थित तपोवन में प्रतीकात्मक रूप से पूजा होगी। श्रीमहावीर मंडल के सिर्फ पांच सदस्य झंडा लेकर मंदिर जायेंगे। शारीरिक दूरी के बीच पवनसुत हनुमान और श्रीराम की पूजा करेंगे। इस दौरान भीड़-भाड़ की इजाजत नहीं होगी। श्रीमहावीर मंडल रांची के अध्यक्ष जय सिंह यादव ने शहर के आखाड़ाधारियों से अपील की है कि अष्टमी तिथि को अंतिम मंगलवारी सादगीपूर्वक करें। अपने अखाड़ा में ही पूजा अर्चना संपन्न कर लें। जुलूस की तैयारी न करें। यहां तक चंदन भी नहीं लगाएं। प्रसाद बांटना भी खतरे से खाली नहीं होगा। उन्होंने कहा कि शनिवार को रामनवमी को लेकर डीसी छवि रंजन श्रीमहावीर मंडल के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। इसमें आगे की रणनीति बनेगी। जिला प्रशासन के आदेशानुसार ही पूजा होगी।

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प्राचीन श्रीराम मंदिर में 12 बजे मनेगा श्रीराम का जन्मोत्सव, बाहर से ही होगा झंडा पूजन

चुटिया स्थित प्राचीन श्रीराम मंदिर में सुबह में नवरात्र पूजा होगी। हवन आदि के बाद दोपहर 12 बजे श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। श्रीराम के बालरूप की पूजा होगी। भगवान श्रीराम को दूध, दही, गंगाजल, चंदन, शहद आदि से स्नान कराया जाएगा। इसके बाद बालभोग लगाया जाएगा। इस अवसर पर दक्षिणमुखी हनुमानजी की भी विशेष पूजा होगी। मंदिर के ट्रस्टी विजय साहू ने बताया कि रामनवमी के दिन भीड़ न हो इस कारण मंदिर का मुख्य गेट बंद रहेगा। झंडा पूजा बाहर से ही होगी। मुख्य गेट पर मौजूद मंदिर के कार्यकर्ता अखाड़ाधारियों से झंडा और प्रसाद चढ़ाएंगे।

मां कत्यायनी की हुई पूजा, श्रीराम मंदिर में दुर्गा सप्तशती पाठ

प्राचीन श्रीराम मंदिर में चैती नवरात्र विधि-विधान पूर्वक हो रहा है। शुक्रवार को मां दुर्गा के छठे रूप कत्यायनी की पूजा हुई। पांच पंडितों की टीम ने श्रीदुर्गा सप्तशती का पाठ किया। संध्या में महाआरती हुई। महंथ गोकुल दास के अनुसार नवमी तक एक हजार श्रीदुर्गा सप्तशती का पाठ किया जायेगा।

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