इटकी में खुलेगा सांस संबंधित रोगों के इलाज का पहला अस्पताल, कोरोना मरीजों का होगा उपचार

Ranchi News Jharkhand News सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में पोस्ट कोविड रोगियों का इलाज होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद यक्ष्मा अस्पताल ने कार्रवाई शुरू की है। डीपीआर तैयार करने के लिए कमेटी बनेगी। स्वास्थ्य विभाग से इसकी मंजूरी मांगी है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 07:28 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:32 PM (IST)
इटकी में खुलेगा सांस संबंधित रोगों के इलाज का पहला अस्पताल, कोरोना मरीजों का होगा उपचार
Ranchi News, Jharkhand News डीपीआर तैयार करने के लिए कमेटी बनेगी।

रांची, राज्य ब्यूरो। सांस से संबंधित रोगियों तथा पोस्ट कोविड रोगियों (जिनमें फेफड़े से संबंधित कोई समस्या हो) के इलाज के लिए राज्य का पहला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल रांची के इटकी में खुलेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इटकी स्थित यक्ष्मा अस्पताल को 200 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अस्पताल प्रबंधन ने इसके लिए डीपीआर तैयार करने के लिए एक्सपर्ट कमेटी गठित करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग से मार्गदर्शन और अनुमति मांगी है।

स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के अनुसार, राज्य में अभी तक सांस से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए कोई विशेष अस्पताल नहीं है। कोविड संक्रमण के दौर में इसकी काफी जरूरत महसूस की जा रही है। साथ ही कोरोना से उबरने के बाद भी कई मरीजों में फेफड़ा से संबंधित जटिलताएं आ रही हैं, जिनका उपचार जरूरी है। इस प्रस्तावित सुपर स्पशेयिलिटी अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध होगाी।

शुरू में यहां उपलब्ध संरचनाओं में ही चिकित्सक व पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति कर तथा आवश्यक उपकरण खरीद कर अस्पताल का संचालन किया जा सकता है। साथ-साथ इसके अलग से भवन भी बन सकते हैं, जिसके लिए वहां पर्याप्त जमीन उपलब्ध है। यहां डीएनबीई इन चेस्ट एंड लंग डिजीज, डिप्लोमा इन चेस्ट एंड टीबी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई भी शुरू की जा सकती है।

रिम्स को सहायता अनुदान के रूप में मिले 220 करोड़

राज्य सरकार ने रिम्स में आवश्यक उपकरणाें की खरीद के अलावा अन्य कार्यों के लिए 220 करोड़ रुपये की सहायता अनुदान पर स्वीकृति दे दी है। यह राशि रिम्स के विकास संबंधित कार्यों के अलावा मुख्यमंत्री निश्शुल्क डायग्नोस्टिक एवं रेडियोलॉजी जांच तथा सर्वाइकल कैंसर एवं ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग पर भी खर्च होगी। उपकरणों की खरीद में यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि वह उच्च गुणवत्ता का हो तथा उसके संचालन के लिए आवश्यक तकनीशियन एवं आधारभूत जरूरतें उपलब्ध हों। इसकी जिम्मेदारी रिम्स निदेशक की होगी। इधर, राज्य सरकार ने रिम्स के मल्टी स्टोरीड कार पार्किंग में विकसित किए जा रहे 300 बेड के अस्थायी कोविड वार्ड के लिए भी 10 करोड़ रुपये डिजास्टर मैनजमेंट फंड से खर्च करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।

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