रांची के आधे से अधिक अस्‍पतालों में आग लगने का खतरा, न अग्निशमन यंत्र और न ही फायर एनओसी

Fire Threat in Hospitals of Ranchi रांची शहर के 114 निजी अस्पताल व क्लीनिकों में 85 के पास फायर एनओसी नहीं है। 44 अस्‍पतालों में अग्निशमन यंत्र तक नहीं है। दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 तक अग्निशमन विभाग द्वारा शहर के निजी अस्पताल व क्लीनिकों में जांच चली थी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 12:57 PM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 01:06 PM (IST)
रांची के आधे से अधिक अस्‍पतालों में आग लगने का खतरा, न अग्निशमन यंत्र और न ही फायर एनओसी
44 अस्‍पतालों में अग्निशमन यंत्र तक नहीं है।

रांची, [अमन मिश्रा]। Fire Threat in Hospitals of Ranchi रांची अग्निशमन विभाग की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। उपायुक्त के निर्देश पर पिछले तीन महीनों में शहर के निजी अस्पताल व क्लीनिकों में फायर सेफ्टी से संबंधित जांच किए गए थे। जिले के पांचों अग्निशमन विभाग द्वारा विभिन्न इलाकों के करीब 114 निजी अस्पताल व क्लीनिक का निरीक्षण किया गया। इसमें पता चला कि इनमें से 85 जगहों में फायर एनओसी तक नहीं लिया गया है।

एनओसी निर्गत होना तो दूर बल्कि इसके लिए बगैर आवेदन किए ही बिल्डिंग तैयार कर अस्पताल खोल कर उसमें मरीजों का इलाज सालों से किया जा रहा है। जबकि नियम की मानें तो अस्पताल या किसी भी कमर्शियल अपार्टमेंट के निर्माण से पूर्व ही अग्निशमन विभाग से एनओसी लेना अनिवार्य है। मिली जानकारी के अनुसार, 44 अस्पताल व हेल्थ सेंटर ऐसे पाए गए हैं, जहां अग्निशमन यंत्र (फायर एस्टिंगयूसर) तक नहीं है।

अगर इन अस्पतालों में कभी अगलगी की घटना हो जाए तो उसमें काबू पाना मुश्किल हो जाएगा। अस्पतालों में आग धधकने के सभी तत्व मौजूद होते हैं। कई केमिकल ऐसे होते हैं जिसकी वजह से अगलगी की स्थिति में आग की लपटें तेज हो सकती है। इन सारी बातों को जानते हुए भी अस्पताल प्रबंधन चुपी साधे हुए है। इस लापरवाही के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

सुरक्षा मानकों को नजरंदाज कर अस्पताल संचालक मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। बताते चलें कि कुछ माह पूर्व दूसरे राज्य के अस्पताल में अगलगी की घटना हुई थी। इसमें बड़ी संख्या में जानमाल का नुकसान हुआ था। उसी घटना के बाद रांची जिला प्रशासन भी हरकत में आई और अग्निशमन विभाग को अस्पतालों का निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। 10 दिन पूर्व जांच रिपोर्ट भी सौंप दी गई है जबकि अब तक किसी भी अस्पताल व क्लीनिक पर कार्रवाई नहीं की गई है।

किस फायर स्टेशन के कितने अस्पतालों में हुई जांच

डोरंडा फायर स्टेशन - 50 अस्पताल व निजी क्लीनिक

ऑड्रे हाउस फायर स्टेशन - 24 अस्पताल व निजी क्लीनिक

पिस्का मोड़ फायर स्टेशन - 24 अस्पताल व निजी क्लीनिक

धुर्वा फायर स्टेशन - 14 अस्पताल व निजी क्लीनिक

बुंडू फायर स्टेशन - 2 अस्पताल व निजी क्लीनिक

'उपायुक्त के निर्देश पर शहर के अधिकांश अस्पताल व क्लीनिकों में जांच की गई थी। निर्धारित मानक के अनुरूप 20 फीसद अस्पतालों को भी नहीं पाया गया। जांच कर रिपोर्ट सौंप दी गई है।' -गोपाल यादव, प्रभारी अग्निशमालय पदाधिकारी, डोरंडा।

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