रिम्स निदेशक के खिलाफ एसटी-एससी थाने में शिकायत दर्ज, 15 दिनों में हटाने की मांग

रांची रिम्स में निदेशक डॉ. डीके सिंह और रेडियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष के बीच तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही। निदेशक के खिलाफ एसटीएसी थाने में केस किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 Feb 2020 02:00 AM (IST) Updated:Sat, 29 Feb 2020 02:00 AM (IST)
रिम्स निदेशक के खिलाफ एसटी-एससी थाने में शिकायत दर्ज, 15 दिनों में हटाने की मांग
रिम्स निदेशक के खिलाफ एसटी-एससी थाने में शिकायत दर्ज, 15 दिनों में हटाने की मांग

जागरण संवाददाता, रांची : रिम्स में निदेशक डॉ. डीके सिंह और रेडियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश टोप्पो के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। विवाद प्रेस विज्ञप्ति से बढ़कर एसटी-एससी थाने तक पहुंच गया है। आरोप लगाया गया है कि रिम्स निदेशक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रेडियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष की छवि धूमिल की। इसी के बाद दोनों के बीच विवाद बढ़ा। शुक्रवार को डॉ. सुरेश टोप्पो ने एसटी एससी थाने में रिम्स निदेशक डॉ. दिनेश कुमार सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। दिए गए आवेदन में उन्होंने कहा है कि लंबे समय से डॉ. डीके सिंह उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। 26 फरवरी को रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह ने एक विज्ञप्ति जारी कर डॉ. टोप्पो के बारे में कई ऐसी बातें लिखीं जो उन्हें अपमानित करने व छवि को धूमिल करने वाली है। डॉ. टोप्पो का कहना है कि उक्त विज्ञप्ति में उन्हें नाकाबिल एवं प्राइवेट सेक्टर को फायदा पहुंचाने वाला बताया गया है। डॉ. टोप्पो ने पूरे मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने इसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को भी दी है। इधर, टीचर्स एसोसिएशन में भी आक्रोश

अगर 15 दिनों में निदेशक को नहीं हटाया तो करेंगे आंदोलन

रिम्स के हालात को देखते हुए शुक्रवार को टीचर्स एसोसिएशन ने माइक्रोबायोलॉजी लेक्चर रूम में बैठक कर रिम्स निदेशक को 15 दिनों में हटाने की मांग की है। बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर सरकार द्वारा 15 दिनों के भीतर रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह को नहीं हटाया जाता है तो रिम्स के सभी सीनियर डॉक्टर उग्र हडताल करेंगे जो अनिश्चितकालीन होगा। अगर तब भी सरकार ने मांग पूरी नहीं की तो सभी डॉक्टर एक साथ सामूहिक वीआरएस ले लेंगे।

एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रभात ने कहा कि रिम्स निदेशक की कार्यप्राणाली और भ्रष्टाचार को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि आगे रिम्स में जो भी उपकरणों की खरीदारी होनी है उसमें विभागाध्यक्षों की सहमति जरूरी हो। वहीं सभी खरीद सरकारी टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से हो। उन्होंने कहा कि निदेशक तो रिम्स में बगैर टेंडर खरीद कर चले जाएंगे लेकिन फसंगे तो डॉक्टर्स ही। क्या था मामला

रिम्स में सीटी स्कैन मशीन की खरीद प्रक्रिया चल रही थी। रेडियोलॉजी विभाग के एचओडी ने जरूरतों को देखते हुए 256 स्लाइड सीटी मशीन लगाने की मांग की थी। जबकि रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह ने वर्तमान स्थिति को देखते हुए 128 स्लाइड का ऑर्डर कर दिया। यहीं से विवाद शुरू हो गया। जिसके बाद रिम्स निदेशक ने 26 फरवरी को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया, जिसमें सीटी स्कैन मशीन व रेडियोलॉजी के विभागाध्यक्ष के खिलाफ चल रही विवाद का उल्लेख था। इसी से दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया। और मामला एसटी एसटी थाने तक पहुंच गई। रिम्स के रेडियोलॉजी में तीन व स्त्री एवं प्रसूति विभाग में पीजी की छह सीटें बढ़ीं

रिम्स के रेडियोलॉजी विभाग में तीन एमडी सीट और स्त्री एवं प्रसूति विभाग में छह सीटें बढ़ाई गईं हैं। शुक्रवार को एमसीआई ने इस सत्र से दोनों विभागों में बढ़े सीट पर नामांकन पर मान्यता दे दी है। दोनों विभागों में पीजी सीट बढ़ाने को लेकर एमसीआई ने रिम्स का निरीक्षण किया था। एमसीआई से आए चिकित्सक ने स्त्री रोग विभाग में निरीक्षण के दौरान कई खामियां बताई थी। जिसे जल्द दूर करने के लिए रिम्स प्रबंधन को निर्देश दिया था। टीम ने ओटी, वार्ड, ब्लड बैंक से लेकर लेक्चर रूम तक का निरीक्षण किया था। बता दें कि रेडियोलॉजी विभाग में पूर्व में सिर्फ दो सीटों पर ही पढ़ाई होती थी। एक सप्ताह पहले विभाग में दो सीट बढ़ाई गई थी। जिसके बाद एमसीआई ने तीन और सीट बढ़ाई है। वहीं स्त्री रोग विभाग में पहले से 16 सीटों पर मान्यता थी, जिसे बढ़ाकर 22 किया गया। अब विभाग में इस सत्र से छह अतिरिक्त सीट पर दाखिला लिया जा सकेगा।

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