सीएम के काफिला पर हमले के मुख्य आरोपित के पोस्टर से विवाद, अरगोड़ा थाने में एफआइआर

सीएम के काफिला पर हमला के मुख्य आरोपित भैरव सिंह की तस्वीर के साथ लगे पोस्टर को लेकर विवाद हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 07:30 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 07:30 AM (IST)
सीएम के काफिला पर हमले के मुख्य आरोपित के पोस्टर से विवाद, अरगोड़ा थाने में एफआइआर
सीएम के काफिला पर हमले के मुख्य आरोपित के पोस्टर से विवाद, अरगोड़ा थाने में एफआइआर

जागरण संवाददाता, रांची : सीएम के काफिला पर हमला के मुख्य आरोपित भैरव सिंह की तस्वीर के साथ पूरे शहर में पोस्टर-होर्डिंग्स लगाए जाने के बाद विवाद हो गया। विवाद के बाद तनाव की स्थिति हो गई। आदिवासी समुदाय के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद शहर के सभी थानों की पुलिस ने भैरव के पोस्टर को जब्त कर लिया। जबकि अरगोड़ा थाने में एफआइआर दर्ज की गई है। दरअसल, पोस्टर में भैरव सिंह को सरना झंडे व प्रतीक के साथ दिखाया गया है। इसी बात पर आदिवासी सरना समुदाय के लोग आक्रोशित हो गए। इसके बाद सरना समिति, बिरसा सेना, अमर शहीद वीर बुद्धु भगत मोर्चा, पड़हा सरना प्रार्थना सभा सहित अन्य संगठनों के लोग अरगोड़ा थाना पहुंचे और एफआइआर दर्ज कराई। जिसमें भैरव सिंह, आनंद नगर छठ पूजा समिति सहित अन्य संगठनों को आरोपित बनया गया है। सभी पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोपित लगाया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। माहौल बिगाड़ने के लिए अनाधिकृत ढंग से प्रतीक का इस्तेमाल : एफआइआर में कहा गया है कि आदिवासियों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाते हुए धार्मिक प्रतीक सरना झंडा का अनाधिकृत व गलत ढंग से उपयोग करते हुए शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर पोस्टर लगाए गए हैं। जो माहौल बिगाड़ने की साजिश है। जिस व्यक्ति को पोस्टर में दिखाया गया है, वह सीएम के काफिला पर हमला करने का आरोपित है। राज्य में अस्थिरता पैदा करने के लिए आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति भैरव सिंह को विभिन्न समितियों द्वारा यह काम किया गया है ताकि सामाजिक सौहार्द बिगड़े और कुछ राजनीतिक संगठन इसका लाभ ले सके। आरोपित भैरव सिंह द्वारा आदिवासी समुदाय के धार्मिक प्रतीक सरना झंडा को हाथ में पकड़ा दिखाया गया है। जबकि जय सरना, व सरना लोगो का उपयोग किया गया है। जबकि इसे धार्मिक, सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में ही उपयोग किया जाता है। इन प्रतीकों के इस्तेमाल से आदिवासियों के धार्मिक भावनाएं आहत हुई है। एफआइआर में एसटी-एससी एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज करने का अनुरोध किया गया है। साथ ही बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है। पोस्टर के विरोध की सूचना पर रेस हुई पुलिस : शहर के सहजानंद चौक, किशोरगंज चौक, अरगोड़ा, लालपुर सहित कई जगहों पर ऐसे पोस्टर-होर्डिंग्स लगाए जाने की सूचना मिलते ही रांची पुलिस हरकत में आई। नगर निगम की इनफोर्समेंट टीम को बुलाकर ऐसे सभी होर्डिंग्स को हटवाया गया। गौरतलब है कि बीते चार जनवरी को हरमू रोड के किशोरगंज चौक के पास मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमला हुआ था। इस मामले में रांची पुलिस ने लगभग 76 लोगों को नामजद आरोपित बनाया था। धर्म के नाम पर राजनीति नहीं चलेगी : प्रेम शाही मुंडा

इधर, अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद के राष्ट्रीय महासचिव प्रेम शाही मुंडा ने कहा है कि आदिवासियों के धर्म व संस्कृति पर खिलवाड़ करने का प्रयास किया गया तो खूनी संघर्ष होगा। भैरव सिंह ने आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला किया था। वह राजद्रोह का आरोपित है। झारखंड में सभी आदिवासी समाज आपसी प्रेम भाव और भाईचारे के साथ रह रहे हैं। एक दूसरे का धर्म का आदर व सत्कार करते आ रहे हैं। कोई शक्ति हमारे धर्म का गलत इस्तेमाल करेगा या उन्माद फैलाने का प्रयास करेगा तो, अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद इसका पुरजोर विरोध करेगा। झारखंड संघर्षों का पृष्ठभूमि रही है। धर्म के नाम पर तोड़फोड़ की राजनीति नहीं चलेगी।

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