मारवाड़ी काॅलेज में फाइनल सेमेस्टर का परीक्षा फाॅर्म 15 तक होगा जमा Ranchi News
Marwari College Ranchi Jharkhand News एमसीए एमबीए व एमएससी बायोटेक में री-एडमिशन के लिए ऑनलाइन पेमेंट 15 जून तक ही होगा। इधर आजसू छात्र इकाई ने श्यामा प्रसाद विवि में की जा रही अनुबंध शिक्षकों की नियुक्ति की जांच की मांग की है।
रांची, जासं। रांची के मारवाड़ी काॅलेज में एमए, एमएससी, एमकॉम, एमबीए, एमएससी बायोटेक सेमेस्टर चार और बीए, बीएससी, बीकाॅम, बीएससी इन सीए, आइटी, सीएम, बायोटेक, बीबीए, एफडी सेमेस्टर छह तथा एमसीए सेमेस्टर चार का परीक्षा फाॅर्म बुधवार से भरा जाना शुरू हो गया है। परीक्षा फाॅर्म बिना विलंब शुल्क के 15 जून तक भरा जाएगा। वहीं सभी यूजी कोर्स में विलंब शुल्क 200 रुपये व पीजी कोर्सों में विलंब शुल्क 300 रुपये के साथ फाॅर्म 17 व 18 जून को जमा किया जा सकता है। एमसीए, एमबीए व एमएससी बायोटेक में री-एडमिशन के लिए ऑनलाइन पेमेंट 15 जून तक ही होगा।
इन तीनों कोर्सों में री-एडमिशन के लिए सामान्य व ओबीसी को 20450 रुपये जबकि एससी व एसटी को 18250 रुपये लगेंगे। इसके अलावा एमसीए व एमबी के लिए परीक्षा शुल्क 2600 रुपये, बायोटेक के 2700 रुपये, बीबीए, एमए साइकोलॉजी, होम साइंस, भूगोल व एमएससी के लिए 2350 रुपये, बीएससी व बीए इन एफडी के लिए 1950 रुपये, एमए व एमकॉम के 2250 रुपये, बीए व बीएससी बिना प्रैक्टिकल वाले विषयों के लिए 1600 रुपये व प्रैक्टिकल वाले विषयों के लिए 1700 रुपये तथा बीकॉम के लिए 2100 रुपये लगेंगे।
राज्यपाल को पत्र लिखकर अनुबंध शिक्षकों की नियुक्ति की जांच की मांग की
डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की छात्र आजसू इकाई के अभिषेक झा ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपकर कुलपति डाॅ. सत्यनारायण मुंडा के द्वारा अवैध तरीके से विश्वविद्यालय में की जा रही अनुबंध शिक्षकों की नियुक्ति की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि 17 मार्च 2021 के बाद कुलपति से कोई भी नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार कुलाधिपति द्वारा वापस ले लिया गया था। इसके बाद भी उन्होंने बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए कुछ अतिथि शिक्षकों को अनुबंध शिक्षक घोषित कर दिया है।
इसके अलावा प्रोन्नति से संबंधित निर्णयों में भी कुलपति मनमाने तरीके से कार्य कर रहे हैं। कुलपति द्वारा बिना किसी निश्चित मापदंड के कुछ लोगों को आगे बढ़ाया जा रहा है और अन्य लोगों को हतोत्साहित किया जा रहा है। इससे विश्वविद्यालय के लिए समर्पण की भावना के साथ लंबे समय से कार्य करने वाले बाकी शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी ठगा सा महसूस कर रहे हैं। आजसू छात्र संघ के विश्वविद्यालय के कोषाध्यक्ष प्रेम कुमार ने कहा कि यदि नियुक्ति व प्रोन्नति से संबंधित निर्णयों में एकरूपता दिखाई नहीं दे रही है तो इसका स्पष्ट अर्थ है कि किसी ना किसी स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है जो कि शिक्षा व्यवस्था के लिए अत्यंत घातक है।