नक्सलियों से लड़ते हुए दो सहायक पुलिस कर्मी हो गए शहीद, नहीं मिली कोई सरकारी मदद
राज्य के बारह नक्सल प्रभावित जिले में नक्सली गतिविधियों पर नजर रखने के लिए संविदा पर 2500 सहायक पुलिसकर्मियों को कांट्रैक्ट पर बहाल की गई थी। अब तक दो पुलिसकर्मी नक्सली अभियान में शहीद हो चुके हैं लेकिन सरकार की ओर से उनके परिवार को आर्थिक मदद नहीं मिली है।
रांची, जासं। राज्य के बारह नक्सल प्रभावित जिले में नक्सली गतिविधियों पर नजर रखने के लिए संविदा पर 2500 सहायक पुलिस कर्मियों की 2017 में नियुक्ति की गई थी। इन सभी पुलिसकर्मियों को कांट्रैक्ट बेसिस पर बहाल की गई थी। अब तक दो पुलिसकर्मी नक्सली अभियान में शहीद हो चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से उनके परिवार को कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिली है। गढ़वा जिले से आए मिथिलेश यादव ने बताया कि साल 2018 में मनोज गुड़िया नक्सली अभियान में शहीद हो गया था और एक अन्य साथी शहीद हुए हैं। लेकिन उनके परिवार वालों को सरकार की ओर से कोई भी मदद नहीं मिली है। हालांकि सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में इस बात का जिक्र है कि यदि कोई भी सहायक पुलिसकर्मी नक्सली अभियान में शहीद होता है उसके परिवार वालों को आर्थिक मदद के तौर पर दो लाख की राशि दी जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा था कि आपकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ नहीं होगा
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सहायक पुलिसकर्मियों को आश्वासन दिया था कि आपकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ नहीं होगा। 3 साल के बाद आप लोगों को जिला पुलिस में तैनाती की जाएगी। लेकिन सरकार बदल जाने के बाद इनको स्थायी नहीं किया गया जिसकी वजह से यह लोग काफी नाराज हैं और अपनी मांगों को लेकर मोरहाबादी मैदान में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हुए हैं। विभिन्न जिलों से आए लोगों ने बताया कि हमारी बहाली लोकल थाने में की गई थी और जासूसी के तौर पर काम करने की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। लेकिन आज के दिनों में सभी पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और उसे किसी भी जिले में काम करने भेज दिया जा रहा है।
महगांई बढ़ी लेकिन मानदेय नहीं बढ़ा
गढ़वा जिले के सहायक पुलिस कर्मी मिथिलेश यादव ने बताया कि देश व राज्य में लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है, लेकिन सहायक पुलिस कर्मियों की तनख्वाह में कोई भी बढ़ोतरी नहीं हुई है। यादव ने बताया कि हमारी तनख्वाह दस हज़ार है और इस पैसे से घर की रोजी रोटी चला पाना बहुत ही मुश्किल हो पा रहा है। मिथिलेश यादव ने बताया कि दिन प्रतिदिन महंगाई बढ़ती जा रही है लेकिन हमारे मानदेय को बढ़ाने लेकर को भी विचार-विमर्श नहीं कर रही है। उन्होंने बताया कि साल 2020 में धरना प्रदर्शन कर रहे थे तो पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने आकर आश्वासन दिया था कि आप की सारी मांगों को पूरा किया जाएगीा। इसलिए हम लोगों ने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन खत्म कर दिए थे । एक साल बीत जाने के बावजूद हेमंत सोरेन की सरकार ने अब तक सहायक पुलिस कर्मियों के बारे में नहीं कुछ सोच रही है।
महिला सहायक पुलिसकर्मी अपने छोटे बच्चों के साथ कर रही धरना प्रदर्शन
मोराबादी मैदान में विभिन्न जिलों से आए सहायक पुलिसकर्मी अपने छोटे बच्चों के साथ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। महिला सहायक पुलिस कर्मी ने कहा कि आज के दिनों में सरकार द्वारा दी जा रही मानदेय से घर चलाना बहुत ही मुश्किल हो गई है। वही सहायक पुलिस कर्मी अपने खाने पीने को लेकर सरकार द्वारा पानी की व्यवस्था नहीं कराने जाने को लेकर नाराज हैं और कहा कि हम लोग अपने प्रयास से यहां पर पानी की व्यवस्था कर रहे हैं।