टिड्डियों से बचाव के लिए किसानों को करें जागरूक : डीडीसी

टिड्डी दल के हमले की आशंका को देखते हुए शनिवार को उप विकास आयुक्त ने बैठक की। किसानों को जागरूक करने का कहा गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 08:08 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 08:08 PM (IST)
टिड्डियों से बचाव के लिए किसानों को करें जागरूक : डीडीसी
टिड्डियों से बचाव के लिए किसानों को करें जागरूक : डीडीसी

जागरण संवाददाता, रांची : टिड्डी दल के हमले की आशंका को देखते हुए शनिवार को उप विकास आयुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में विकास भवन में बैठक आयोजित की गई। इसमें डीडीसी ने कहा कि जिले में टिड्डियों के आक्रमण से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है कि किसानों को इसके बचाव हेतु जागरूक किया जाए। साथ ही एक कार्यदल का गठन कर उसके कार्यो पर चर्चा की गई। कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखंड सरकार (कृषि प्रभाग) के आदेश के आलोक में जिले में टिड्डी नियंत्रण हेतु उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टिड्डी नियंत्रण कार्यदल का गठन किया गया है। टीम के संयोजक जिला कृषि पदाधिकारी होंगे। इस कार्यदल में बतौर सदस्य वन प्रमंडल पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, जिलास्तरीय अग्नि शमन विभाग के पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, कनीय पौधा संरक्षण पदाधिकारी तथा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक को बतौर सदस्य शामिल किया गया है। कीटनाशकों के भंडारण पर ध्यान देने को कहा गया

पर्याप्त मात्रा में कीटनाशक के भंडारण तथा इन रसायनों की उपलब्धि सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने टिड्डियों के नियंत्रण में उपयोगी हाईस्पीड/ लोवॉल्यूम स्प्रेयर, पावर स्प्रेयर, गटोर स्प्रेयर, नैप सैक स्प्रेयर, वाहन पर प्रतिष्ठापित किए जाने वाले स्प्रेयर आदि की उपलब्धता की जानकारी ली। उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों को इन स्प्रेयर के विक्रेताओं एवं किसानों से संपर्क कर समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया ताकि आवश्यकता पड़ने पर इनकी मदद ली जा सके। कीटनाशक दवाइयों का कर सकते हैं इस्तेमाल

फसलों में यदि टिड्डियों को प्रकोप बढ़ गया हो तो कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करके भी इनकों मारा जा सकता है। टिड्डी प्रबंधन हेतु फसलों पर नीम के बीजों का पाउडर बनाकर 40 ग्राम पाउडर प्रति लीटर पानी में घोल कर उसका छिड़काव किया जाय तो दो-तीन सप्ताह तक फसल सुरक्षित रहती है। बैठक में खेतों में टिड्डी दल के हमले को रोकने हेतु उपाय पर भी चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि टिड्डी दल के हमले से बचने के लिए खेतों में धुआं किया जाए। इससे टिड्डी रुकते नहीं है। खेत में पानी भरने से भी टिड्डी बैठ नहीं पाती। साथ हीं आग जलाने, पटाखे फोड़ने, थाली, टीन पीटने, ढोल व नगाड़े बजाने से भी ये भाग जाते हैं। तेज ध्वनि को ये कीट बर्दाश्त नहीं कर पाते। किसी प्रकार की जानकारी एवं सहायता के लिए किसान कॉल सेंटर टोल फ्री नंबर -18001801551 पर कॉल करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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