Jharkhand: व्‍यापार मंडल की मांग, स्कूलों के मनमाने शुल्क पर राेक लगाए सरकार

Jharkhand Private School Jharkhand Hindi News कोरोना संक्रमण काल में सभी लोगों का जीवन यापन व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है। आर्थिक रूप से कमजोर कई परिवारों के समक्ष तो रोजी-रोटी का विकट संकट उत्पन्न हो गया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 04:15 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 04:22 PM (IST)
Jharkhand: व्‍यापार मंडल की मांग, स्कूलों के मनमाने शुल्क पर राेक लगाए सरकार
Jharkhand Private School, Hindi News फैम के मीडिया सेल के चेयरमैन ने सीएम को ट्वीट किया है।

रांची, जासं। अभ्यास सेवा समिति झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष सह फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) मीडिया सेल के चेयरमैन संजय सर्राफ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर झारखंड के सभी निजी विद्यालयों में लिए जा रहे मनमाने फीस पर अंकुश लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि निजी स्कूलों द्वारा पूरा मासिक शुल्क व वार्षिक शुल्क लेने तथा अन्य कई प्रकार के शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर सभी अभिभावकों में काफी रोष व्याप्त है।

कोरोना संक्रमण काल में सभी लोगों का जीवन यापन व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है। आर्थिक रूप से कमजोर कई परिवारों के समक्ष तो रोजी-रोटी का विकट संकट उत्पन्न हो गया है। इन सभी परिस्थितियों में शिक्षा प्रत्येक परिवार की आवश्यक जरूरतों में शामिल है। इन्हें निजी स्कूलों में बढ़ाए गए मनमाने शुल्क एवं अन्य शुल्कों को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विगत डेढ़ साल से कोरोना वायरस के कारण सभी स्कूल बंद हैं।

ऑनलाइन के जरिए क्लास लिया जा रहा है। तब भी स्कूल प्रबंधक द्वारा पूरा मासिक फीस लिया जा रहा है। वार्षिक शुल्क के साथ-साथ अन्य कई प्रकार के शुल्क लिए जा रहे हैं। कई निजी स्कूलों ने अपना शुल्क भी बढ़ा दिया है। ऐसे सभी निजी स्कूलों को कड़े निर्देश देने की जरूरत है ताकि विद्यालय बच्चों और अभिभावकों का आर्थिक शोषण नहीं कर सके। गत वर्ष कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने सभी निजी स्कूलों के शुल्क में बढ़ोतरी नहीं करने का निर्देश दिया था

इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन द्वारा ट्यूशन फीस में बढ़ोतरी के साथ अन्य कई तरह के शुल्क में वसूली की जा रही है। इसकी जांच होनी चाहिए। कोरोना के कारण बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं। नतीजा उनके बच्चे शिक्षा से भी वंचित हो रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए अविलंब कदम उठाने की सख्त जरूरत है। बहुत बच्चों का फीस नहीं जमा होने के कारण बच्चों को ऑनलाइन क्लास से वंचित किया जा रहा है।

ऐसे में आपसी समन्वय के साथ ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिससे बच्चों की शिक्षा भी जारी रहे तथा विद्यालय संचालन भी सुचारू रूप से हो सके। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वैश्विक कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए झारखंड के सभी शहरी एवं ग्रामीण विद्यालयों में कोरोना वैक्सीनेशन का कैंप लगाकर सभी अभिभावकों एवं उनके बच्चों को वैक्सीन देने का अति शीघ्र उचित प्रबंध किया जाए।

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