Jharkhand: झारखंड में एक्सप्रेस-वे से विकास को मिलेगी रफ्तार

Jharkhand तेजी से बन रही सड़कें झारखंड के विकास को रफ्तार देंगी। गुणवत्तायुक्त सड़कों के कारण पड़ोसी राज्यों से संपर्क सुगम होगा। इससे विकास की गति तेज होगी और समुद्र के जरिए व्यापार का लक्ष्य भी पाया जा सकेगा। केंद्र सरकार की सड़क निर्माण की योजनाएं भी धरातल पर उतरेंगी।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 04:49 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 04:49 PM (IST)
Jharkhand: झारखंड में एक्सप्रेस-वे से विकास को मिलेगी रफ्तार
तेजी से बन रही सड़कें झारखंड के विकास को रफ्तार देंगी।

रांची{राज्य ब्यूरो} । तेजी से बन रही सड़कें झारखंड के विकास को रफ्तार देंगी। गुणवत्तायुक्त सड़कों के कारण पड़ोसी राज्यों से संपर्क सुगम होगा। इससे विकास की गति तेज होगी और समुद्र के जरिए व्यापार का लक्ष्य भी पाया जा सकेगा। केंद्र सरकार की सड़क निर्माण की योजनाएं भी धरातल पर उतरेंगी। दो नए एक्सप्रेस-वे के निर्माण से इसमें तेजी आएगी। केंद्र सरकार ने भारत माला प्रोजेक्ट में दोनों योजनाओं का चयन किया है।

दोनों ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट होंगे। एक एक्सप्रेस-वे (Expressway)छत्तीसगढ़ के रायपुर से बिलासपुर-गुमला-रांची-बोकारो होते हुए धनबाद तक बनेगा। इसकी लंबाई करीब 700 किलोमीटर होगी। रायपुर से आनेवाली सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग पर ओरमांझी से सिकिदरी होते हुए गोला तक निकाला जाएगा। इसके बाद गोला से बोकारो तक ग्रीन फील्ड सड़क बनेगी। इस योजना में संरक्षित वन को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। दूसरा एक्सप्रेस-वे ओडिशा के संबलपुर से रांची तक बनेगा। प्रोजेक्ट की लंबाई करीब 146 किलोमीटर होगी। इसमें छह लेन और चार लेन की सड़कें बनेंगी। पड़ोसी राज्यों से इन योजनाओं के जरिए बेहतर सड़क संपर्क हो सकेगा।

पड़ोसी राज्यों से बेहतर कनेक्टिविटी 

झारखंड का पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल के लिए सड़क संपर्क बेहतर होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बनने जा रही इकोनॉमिक कॉरिडोर को प्राथमिकता सूची में शामिल करते हुए सड़क निर्माण से संबंधित कार्यों में तेजी लाने का आदेश दिया है। इससे ओडि़शा, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश और बंगाल के लिए नई चार लेन सड़कों का विस्तार होगा। इससे आवागमन के खर्च में भी कमी आएगी और कम समय में अधिक दूरी तय हो सकेगी।

पड़ोसी राज्यों से चार लेन कनेक्टिविटी मिलने पर झारखंड में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी। इससे विकास में तेजी आएगी। आसानी से पड़ोसी राज्यों में व्यापार हो सकेगा। राज्य के क्षेत्र विशेष के तमाम उत्पाद दूसरे राज्यों में आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। पड़ोसी राज्यों के उत्पाद भी सहजता से उपलब्ध होंगे। पहले चरण में इकोनॉमिक कॉरिडोर रांची से लिट्टीबेड़ा तक चार लेन और रायपुर से धनबाद के बीच इकोनॉमिक कॉरिडोर बनेगा। इससे झारखंड का बंगाल, ओडि़शा और छत्तीसगढ़ के बीच अगले व्यापार का एक नया मार्ग बनेगा।

ऐसे बढ़ेगा सड़क संपर्क

1. रायपुर - धनबाद इकोनामिक कॉरिडोर

-एनएच 23 पर छत्तीसगढ़ - झारखंड बॉर्डर से गुमला तक 25 किलोमीटर

-एनएच 75 पर कचहरी चौक से पिस्का मोड़ तब 3.26 किमी एलिवेटेड कॉरिडोर

-एनएच 320 पर ओरमांझी - गोला सेक्शन पर रायपुर धनबाद इकोनामिक कॉरिडोर से 36.10 किमी

-एनएच 320 पर गोला से बोकारो के बीच 23.80 किमी

रूट : रायपुर, छत्तीसगढ़ से शुरू होकर गुमला, पलमा, ओरमांझी, गोला से होते हुए धनबाद को जोड़ेगा।

2. संबलपुर-रांची इकोनामिक कॉरिडोर

-एनएच 143एच पर लिट्टीबेड़ा से जोराम तक, 32 किलोमीटर

-एनएच 143 पर जोराम से जामटोली तक, 46.80 किलोमीटर

- एनएच 148डी के जामटोली से रांची सीठियो, 7.20 किलोमीटर

रूट : यह कॉरिडोर लिट्टीबेड़ा, केरिया, लोइंगा से रांची रिंग रोड तक होगा। झारखंड के हिस्से में इसी साल काम शुरू करने का लक्ष्य।

3. वाराणसी-रांची इकोनामिक कॉरिडोर, एनएच 75

-कुरु से उदयपुरा सेक्शन तक, 40.4 किलोमीटर

-उदयपुरा से भोगू तक, 48.55 किलोमीटर

-भोगू से संखा तक 39.38 किलोमीटर

-खजूरी से विंढमगंज, 40.88 किलोमीटर

रूट : यह कॉरिडोर झारखंड को उत्तर प्रदेश से जोड़ता है। वाराणसी से शुरू होकर झारखंड के विंढमगंज, खजूरी, शंखा, कुडू, बिजुपाड़ा होते हुए रांची को जोड़ेगा।

4. रांची से पारादीप, एनएच 75ई

-खूंटी से लेटरे सेक्शन, 49.38 किलोमीटर

-लेटरे से भूइंया देवगन सेक्शन, 40.88 किलोमीटर

-भूइंया देवगन से केलेंडे सेक्शन, 52.45 किलोमीटर

-केलेंडे से जैंतगढ़ तक 41.90 किलोमीटर

रूट : यह कॉरिडोर झारखंड के जैंतगढ़, हाटगम्हरिया, चाईबासा, चक्रधरपुर, खूंटी, तुपुदाना, केलेंडे, भुइंया से होते हुए रांची आएगा।

5. पटना (बख्तियारपुर) से रांची (ओरमांझी) इकोनामिक कॉरिडोर

- एनएच 31 पर कोडरमा से मेघातरी सेक्शन तक 20 किलोमीटर

रूट : यह कॉरिडोर रांची से पटना को जोड़ता है। पटना से शुरू होकर झारखंड में बरही, हजारीबाग, रामगढ़ होते हुए रांची से ओरमांझी तक जाएगा।

राज्य में सड़कों का हाल :

झारखंड में कुल सड़कों की लंबाई - 8724 किमी

झारखंड में स्टेट हाइवे - लगभग 1886 किमी

झारखंड में राष्ट्रीय राजमार्ग - लगभग 1844 किमी

मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड - 4828 किमी

झारखंड में कुल नेशनल हाइवे - 30

किन राज्यों से जुड़ा - उत्तर प्रदेश, बंगाल, ओडि़शा, बिहार, छत्तीसगढ़।

पर्यावरण अनुकूल हो सड़कों का निर्माण, काम में लाएं तेजी : हेमंत

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सड़कों के निर्माण कार्य में तेजी लाने का आदेश दिया है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) एवं राष्ट्रीय उच्च पथ की परियोजनाओं पर तेजी से काम करने को कहा है। सभी निर्माणाधीन योजनाओं को निर्धारित अवधि में पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जो योजनाएं डीपीआर स्टेज में हैं उन्हें शीघ्र पूरा कर निविदा की प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया गया है ताकि इन योजनाओं का कार्य प्रारंभ हो सके।

एनएच की वैसे ही सड़कें जो पथ निर्माण विभाग के अधीन हैं, उनकी मरम्मत एवं निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने को भी कहा गया है। मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों से कहा है कि राज्य में बहुत ऐसे क्षेत्र है जो एलिफेंट कॉरिडोर के रूप में चिन्हित हैं। एलिफेंट कॉरिडोर को ध्यान में रखते हुए सड़क निर्माण कार्य करें। राज्य में जितने भी सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर हैं, वैसी सड़कों के किनारे वृक्षारोपण अवश्य करें।

सड़कों की बेहतर गुणवत्ता से विकसित होगा झारखंड

झारखंड को अधिक से अधिक विकसित करने के लिए अच्छी सड़कों की काफी आवश्यकता है। रोजगार, सामाजिक जीवन स्तर उठाने, स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने में अच्छा सड़क संपर्क आवश्यक है। अच्छी सड़कें इसलिए भी आवश्यक हैं, क्योंकि यह कस्बों, शहरों और गांवों की यात्रा के समय को कम करती हैं और यात्रा को सामान्य से अधिक तेज, आरामदायक और सुरक्षित बनाती हैं। इससे ईंधन की खपत भी कम होती है। जिन प्रदेशों में सड़क नेटवर्क को बेहतर किया है, वहां इसका तात्कालिक लाभ भी दिखा है। अर्थव्यवस्था में इसके अधिकाधिक योगदान को देखते हुए इस दिशा में गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है। बड़े शहरों की भीड़ को कम करने के लिए बाइपास का निर्माण भी एक अहम विषय है, जिसकी कमी झारखंड में महसूस की जाती है। विकसित प्रदेशों ने इसपर काम कर राज्य की बेहतर आर्थिक प्रगति की है। सड़कों के उपयोग और महता को पूर्व में भी समझते हुए काम किया गया है। शेर शाह सूरी एक महान शासक थे जो व्यापार की प्रगति के लिए अच्छी सड़कों के महत्व को समझते थे।

सिंगापुर में दुनिया की सबसे अच्छी सड़कें हैं। इसके बाद स्विट्जरलैंड और नीदरलैंड है। वे रोड कनेक्टिविटी इंडेक्स के पैमाने पर अग्रणी देशों में शुमार हैं। झारखंड में इस क्षेत्र में काफी काम करने की आवश्यकता है। सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान आवश्यक है। यह भी प्रयास हो कि महत्वपूर्ण राज्यों की राजधानी से बेहतर सड़क संपर्क स्थापित किया जाए। इसके अलावा समुद्र तटों से भी जुड़ाव सड़कों का हो, ताकि राज्य में आर्थिक गतिविधियां तेज हो सकें।

-राजीव दूबे, सचिव, कांट्रैक्टर वेलफेयर एंड लीगल फोरम, झारखंड।

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