जमीन खरीद विवाद मामले में पूर्व डीजीपी डीके पांडे की पत्नी को हाई कोर्ट से मिली अंतरिम राहत

रांची कांके में जमीन खरीद विवाद मामले में पूर्व डीजीपी डीके पांडे की पत्नी पूनम पांडे को अंतरिम राहत मिली है। हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने उनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर 20 दिसंबर तक रोक लगा दी है।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 02:13 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 02:13 PM (IST)
जमीन खरीद विवाद मामले में पूर्व डीजीपी डीके पांडे की पत्नी को हाई कोर्ट से मिली अंतरिम राहत
जमीन खरीद विवाद मामले में पूर्व डीजीपी डीके पांडे की पत्नी को होई कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है।

रांची, जासं। कांके में जमीन खरीद विवाद मामले में पूर्व डीजीपी डीके पांडे की पत्नी पूनम पांडे को अंतरिम राहत मिली है। हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने उनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर 20 दिसंबर तक रोक लगा दी है। बता दें कि कांके के चामा मौजा में पूर्व डीजीपी डीके पांडे ने अपनी पत्नी पूनम पांडे के नाम से 50 डिसमिल जमीन खरीदी है। सीओ ने इसे गैरमजरूआ मालिक जमीन बताते हुए जमाबंदी रद करने का नोटिस जारी किया था। इसके खिलाफ पूनम पांडे ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।

इसके पूर्व 18 अक्टूबर को झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी पूनम पांडेय से जुड़े विवाद मामले में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अंतरिम राहत की अवधि बढ़ाए जाने की मांग की गई। इस पर अदालत ने उन्हें इस संबंध में आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया। इस पर अब 21 अक्टूबर को सुनवाई होगी। इस संबंध में पूनम पांडेय व अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। कांके अंचल के चामा मौजा में डीके पांडेय ने अपनी पत्नी पूनम पांडेय के नाम से 50 डिसमिल जमीन खरीदी है। इस मामले में कांके के अंचलाधिकारी ने उन्हें नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों नहीं आपके जमीन की जमाबंदी रद कर दी जाए।

इस नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए इसे रद करने की मांग की गई है। पूर्व में अदालत ने इस मामले में प्रार्थी के खिलाफ किसी प्रकार की पीड़क कार्रवाई नहीं करने और जमीन पर बने निर्माण को ध्वस्त करने पर रोक लगा दी थी। सोमवार को सुनवाई के दौरान अदालत से अंतरिम राहत की अवधि बढ़ाए जाने की मांग की गई थी। इस पर अदालत ने कहा कि उन्हें इसके लिए कोर्ट में आवेदन दाखिल करना होगा। इसके बाद अदालत विचार करेगी।

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