नवरात्र मनाने का सबका अलग है ढंग, कोई करता है मंदिरों के दर्शन तो कोई रखता है व्रत

नवरात्र का इंतजार हर किसी को होता है। आम लोगों की ही नहीं बल्कि अधिकारी की पत्‍ि‌नयों को नवरात्रि का इंतजार रहता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 06:00 AM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 06:00 AM (IST)
नवरात्र मनाने का सबका अलग है ढंग, कोई करता है मंदिरों के दर्शन तो कोई रखता है व्रत
नवरात्र मनाने का सबका अलग है ढंग, कोई करता है मंदिरों के दर्शन तो कोई रखता है व्रत

जासं, रांची : नवरात्र का इंतजार हर किसी को होता है। आम लोगों की ही नहीं बल्कि अधिकारी हों या उद्योगपति सबका सिर मां के आगे झुकता है। यूं तो कोरोना के कारण इस वर्ष भी दुर्गा पूजा की धूम देखने को नहीं मिलेगी। लेकिन मां के प्रति आस्था व सम्मान में कोई कटौती भी नहीं होगी। हर किसी का पूजा करने का तरीका अलग है। हर कोई अपने ढंग से मां की आराधना करता है। हमारे शहर के कुछ ऐसे ही अधिकारियों की पत्नी हैं जो अपने अंदाज में मां की पूजा अर्चना करतीं हैं। आइए जानें कैसे करतीं हैं ये पूजा।

हर वर्ष नवरात्र में अलग-अलग राज्य के मंदिरों में करती हैं पूजा : झारखंड उच्च न्यायालय के जस्टिस दीपक रौशन की पत्नी सारिका भूषण बताती हैं कि उन्हें अलग- अलग जगहों की नवरात्रि देखना काफी पसंद है। वे कभी उत्तराखंड चली गईं तो कभी जम्मू स्थित माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए चली गईं। इस बार भुवनेश्वर में नवरात्र का पर्व मना रहीं हैं। सारिका भूषण के अनुसार, उनके मायके में बड़े स्तर पर नवरात्र की पूजा होती थी। पिता घर में कलश स्थापित कर नौ दिनों तक व्रत रखा करते थे। कविता कहती हैं मैं कभी व्रत नहीं रखती लेकिन मां के प्रति मेरे मन में आस्था अपार है। मैं हर वर्ष नवरात्र पर अलग-अलग राज्यों के मंदिर का दर्शन करती हूं। कविता एक लेखिका, कवयित्री, एवं लघु कथाकार भी हैं। उनके द्वारा लिखी गई कई किताबें भी प्रकाशित हुईं हैं। पिछले बारह वर्ष से रख रहीं हूं व्रत

रांची रेल मंडल में आरपीएफ कमांडेंट प्रशांत यादव की पत्नी श्रेया झा यादव पिछले 12 वषरें से नवरात्र का व्रत रख रहीं हैं। हालांकि इस वर्ष वो ये व्रत नहीं रख पाईं हैं। श्रेया के अनुसार, जब 16-17 साल की थीं तब से नौ दुर्गा का व्रत रख रही हूं। लेकिन अभी उनका बच्चा काफी छोटा है जिस कारण मैं ये व्रत नहीं रख पाई। कहती हैं शादी से पहले मेरी पढ़ाई अच्छी हो इसलिए ये व्रत रखती थी। शादी के बाद अपने परिवार की सुख-शांति व समृद्धि के लिए व्रत रखती हूं। मैं हर साल अपने घर में कलश स्थापन कर नौ दिनों तक फलाहार व्रत में रहती थी। मां दुर्गा से अब तक जिस भी चीज की कामना की वो पूरी हुई। अब अगले वर्ष फिर से व्रत रखूंगी।

काम में व्यस्तता के बावजूद करती हैं व्रत

: रांची रेल मंडल के सीपीआरओ अवनीश कुमार की पत्नी गुंजन वैश 2015 से नवरात्रि का व्रत करती आ रहीं हैं। गुंजन नेशनल स्टैटिस्टिक्स ऑर्गेनाइजेशन की डिप्टी डायरेक्टर भी हैं। कहती हैं बचपन में घर पर सबको पूजा करते देखा तो मुझे भी व्रत करने का मन करता था। लेकिन पढ़ाई के दौरान समय नहीं मिल पाया। इसलिए अब कर लेती हूं। गुंजन बताती हैं कि काम में व्यस्तता के कारण मैं केवल नवरात्रि के प्रथम दिन व अष्टमी को व्रत रखती हूं। ऑफिस में इन दो दिनों में छुट्टी नहीं रहती है फिर भी व्रत के दौरान काम भी कर लेती हूं। मां से वो अपने परिवार तथा समाज के कल्याण की कामना करती हैं।

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