छत पर बने कुंड, छठ घाटों पर भी तैयारी
सोमवार को नहाय-खाय के साथ महापर्व छठ आरंभ हो जाएगा।
जासं, रांची: सोमवार को नहाय-खाय के साथ महापर्व छठ आरंभ हो जाएगा। पिछले साल कोरोना संक्रमण ज्यादा होने के कारण लोगों ने समझदारी दिखा कर घर पर ही पर्व मनाया था। इस बार भी श्रद्धालुओं ने घर पर पूजा करना ही उचित समझा है। घाटों में भीड़-भड़ाका ना करके कोई छत पर तो कोई घर के आंगन में पूजा कर रहा है। वहीं इस बार भारी बारिश के कारण डैमों का भी जल स्तर काफी बढ़ गया है, जिसके कारण श्रद्धालु डैम परिसर में भी ज्यादातर लोग छठ पूजा नहीं नहीं कर रहे हैं। डैम में जलस्तर बढ़ने से लोग अपने मोहल्ले में जलकुंड बना रहे है। वहीं कुछ लोग बाथ टब की भी खूब खरीददारी कर रहे है। घर के आंगन में बना रहे जलकुंड: पिछले साल संक्रमण बढ़ने के कारण लोगों ने घर पर ही जलकुंड बनाकर छठ पूजा किया था। इस बार भी डैम में जलस्तर बढ़ने के कारण लोगों ने घर पर पूजा करना ही ठीक समझा है। छठ व्रतियों के घर,मोहल्ले में अभी से छठ को लेकर तैयारी शुरु हो गई है। कुछ लोगों ने घर के आंगन में 5 से 10 फीट का छोटा सा पोखर बनाया गया है। आंगन में बने उस छोटे पोखर को खूबसूरती से सजाया भी गया है। बाजार में बाथ टब की बढ़ी मांग: छठ को लेकर बाजार में बाथ टब की बिक्री हर दिन बढ़ रही है। दस नवंबर को होने वाली छठ पूजा के लिए श्रद्धालु अभी से इसकी खरीदारी कर रहे है। नदी के किनारे लगने वाली भीड़ से निजात पाने के लिए श्रद्धालु अपने घर में ही पर्व मनाने की तैयारी में है। श्रद्धालुओं ने छठ में सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए बाथ टब को विकल्प के रूप में चुना है। जिसे आसानी से घर के छत या गार्डन में रखकर पूजा की जा सकती है। बाजार में बाथ टब अलग-अलग साइज और शेप में 1150 रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक की कीमत में उपलब्ध है। इसे एक बार खरीदने के बाद लंबे समय तक के लिए उपयोग किया जा सकता है। बाथ टब की ये है कीमत
बिना एयर वाली बाथ टब
साइज (डायमीटर में) कीमत 4 फीट 1150-1280
5 फीट 1450-1950
6 फीट 1600-2250
8 फीट 2550-3550
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एयर वाली बाथ टब
साइज (डायमीटर में) कीमत
3 फीट 400-580
4 फीट 800-890
5 फीट 3500-3900
6 फीट 7000-7800
8 फीट 11000-12000
10 फीट 14500-15000
घर पर छठ करने की लोगों ने बताई वजह: पिछले साल बढ़ते संक्रमण को देखते हुए घर में छठ करने का फैसला लिया था। पिछले साल की भांति अब इस साल भी घर पर ही अर्घ्य दूंगी। अभी भी कोरोना का खतरा टला नहीं है। ऐसे में घाटों में भीड़ लगाना सही नही होगा।
किरण देवी, कोकर
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पांच सालों से घर के छत पर ही छठ कर रही हूं। घाट में ज्यादा भीड़ होती थी। ऐसे में सही ढंग से पूजा भी नहीं कर पाती थी। इसलिए घर के छत पर जलकुंड बनाकर छठ कर रही हूं। दो सालों से कोरोना संक्रमण भी फैला हुआ है। इसलिए घर पर पूजा करना ही ज्यादा ठीक है।
कल्याणी देवी, चुटिया
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हर साल धुर्वा डैम में जाकर छठ पूजा करते थे। लेकिन कोरोना के कारण पिछले साल से घर में ही कर रही हूं। इस साल बारिश के कारण डैम का जलस्तर भी बढ़ गया है। ऐसे में इस बार भी डैम में जाकर पूजा करना संभव नहीं है। इस बार भी घर के छत पर ही घाट बनाया है। वहीं पर छठ पूजा करूंगी।
कुंती देवी, कोकर