बैरिकेडिंग के बाद भी संविदा पर बहाल सहायक पुलिसकर्मी मोरहाबादी पहुंचे, अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे

राज्य के 12 जिलों में संविदा पर बहाल हुए 2500 सहायक पुलिसकर्मी को काफी प्रयास के बाद भी रांची पुलिस मोरहाबादी पहुंचने से नहीं रोक पाई। राजधानी पहुंचने वाले पथ पर बैरिकेडिंग कर देर रात से ही काफी संख्या में पुलिस बल के जवानों की तैनाती की गई थी।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 01:34 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 01:34 PM (IST)
बैरिकेडिंग के बाद भी संविदा पर बहाल सहायक पुलिसकर्मी मोरहाबादी पहुंचे, अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे
सहायक पुलिसकर्मी मोरहाबादी पहुंचकर मांगों को ले धरना पर बैठ गए हैं।

रांची, जासं। राज्य के 12 जिलों में संविदा पर बहाल हुए 2500 सहायक पुलिसकर्मी को काफी प्रयास के बाद भी रांची पुलिस मोरहाबादी पहुंचने से नहीं रोक पाई। राजधानी पहुंचने वाले पथ पर बैरिकेटिंग कर देर रात से ही काफी संख्या में पुलिस बल के जवानों की तैनाती की गई थी। लेकिन इसके बाद भी सहायक पुलिस कर्मियों को रोकने में रांची पुलिस पूरी तरह से विफल साबित हुई। एसएसपी और सिटी एसपी समेत पूरा पुलिस महकमा सहायक पुलिस कर्मियों को मोरहाबादी पहुंचने से रोकने के लिए रात भर रणनीति बनाते रहे। संविदा पर बहाल सहायक पुलिस कर्मी अपनी मांगों को लेकर मोराबादी पहुंच चुके हैं। वे अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए हैं।

सहायक पुलिस कर्मियों के मोराबादी पहुंचने के बाद पुलिस के वरीय अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे। मोराबादी मैदान के चारों ओर से बैरिकेडिंग कर सभी रास्तों को बंद कर दिया गया। सहायक पुलिस कर्मियों के भीड़ को देखते हुए काफी संख्या में पुलिस बल के जवानों को मोरहाबादी में तैनात किया गया है। रैप और जैप के महिला बटालियन की पुलिसकर्मियों को सुरक्षा में तैनात किया गया है। एक वर्ष पहले भी सहायक पुलिसकर्मी अपनी मांगों को लेकर मोरहाबादी पहुंच विरोध जता चुके हैं। मांग को मान लिए जाने का आश्वासन मिलने के बाद सहायक पुलिस कर्मी मोराबादी मैदान से हटे थे।

नामजद लोगों को पुलिस कर सकती है गिरफ्तार

रांची पुलिस ने पिछले बार आंदोलन कर रहे 31 लोगों पर नामजद मामला दर्ज किया था। पुलिस नामजद लोगों को आज गिरफ्तार कर सकती है। सहायक पुलिसकर्मियों ने बताया कि तत्कालीन रघुवर सरकार के कार्यकाल में 12 नक्सल प्रभावित जिलों के 2,500 युवक-युवतियों को तीन साल की संविदा पर गृह जिला में सेवा देने के लिए रखा गया था। पिछले साल संविदा अवधि खत्म होने पर नौकरी से निकाले जाने की प्रक्रिया के खिलाफ आंदोलन हुआ था। इसके बाद एक साल के लिए संविदा बढ़ा दी गई थी। इसी बीच 2022 तक संविदा बढ़ा दी गई है। लेकिन अब तक मानदेय में किसी तरह का कोई इजाफा नहीं हुआ है। ऊपर से गृह जिला से हटाकर दूसरे जिलों में सेवा ली जा रही है। महंगाई इतनी बढ़ गई है कि दस हजार रुपये में परिवार को पालना मुश्किल हो रहा है।

बता दें कि पिछले साल 12 सितंबर को 2500 सहायक पुलिसकर्मियों ने मोरहाबादी मैदान में डेरा डंडा डाल दिया था। महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर आंदोलन में शामिल हुई थीं। 18 सितंबर 2020 को बैरिकेडिंग किए जाने पर सहायक पुलिसकर्मी उग्र हो गए थे। बैरिकेडिंग को तोड़ दिया गया था फिर पुलिस लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे गए थे। इस झड़प में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।

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