डीएसपीएमयू में 15 फीसद पेड सीटों पर हो रहा नामांकन, सदस्यों ने जताई आपत्ति

डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में बुधवार को सीनेट की बैठक हुई। ं

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 07:00 AM (IST)
डीएसपीएमयू में 15 फीसद पेड सीटों पर हो रहा नामांकन, सदस्यों ने जताई आपत्ति
डीएसपीएमयू में 15 फीसद पेड सीटों पर हो रहा नामांकन, सदस्यों ने जताई आपत्ति

जासं, रांची : डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में बुधवार को सीनेट की बैठक हुई। बैठक में 15 फीसद पेड सीटों पर एडमिशन लेने के मुद्दे पर सदस्यों ने आपत्ति जताई। सीनेट पटल पर विवि के विभिन्न कोर्सेज में 15 फीसद पेड सीटों पर सहमति की बात की गई। इसे विश्वविद्यालय की आंतरिक आय के माध्यम के रूप में देखने की बात कही गई। पटल पर आए इस प्रस्ताव पर वनस्पतिशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर और सीनेट सदस्य डा. अशोक कुमार नाग ने असहमति जताई। डा. एके नाग ने कहा कि विवि के सभी विषयों में पेड सीट है। इन पेड सीटों पर हर साल पैसे लेकर एडमिशन लिया जा रहा है। जबकि चांसलर की अनुमति के बिना यह कैसे हो रहा है। यूनिवर्सिटी एक्ट में राज्य के किसी भी विवि में पेड सीट पर एडमिशन लेने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में पैसे लेकर सीट देना राज्य के स्टूडेंट्स के हित में नहीं है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि विवि में 15 फीसदी पेड सीटों के चलन को बंद करना चाहिए। राज्य के किसी भी विवि में इस तरह से नामांकन का चलन नहीं है।

----------------

वाहन खरीद के प्रस्ताव पर सीनेट सदस्य ने आपत्ति दर्ज की

कुलपति और कुलसचिव के लिए दो वाहन खरीद के प्रस्ताव पर सीनेट सदस्य डा. अशोक कुमार नाग ने आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि इस खरीदारी के लिए सरकार से अनुमति ली गई थी। इस पर जवाब देते हुए रजिस्ट्रार एके चौधरी ने कहा कि यह विवि के क्षेत्राधिकार में आता है। ऐसी खरीदारी के लिए सरकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

--------------

प्रोन्नति नियमावली के प्रस्ताव पर सीनेट सदस्यों ने दी सहमति : सीनेट में शिक्षकों की प्रोन्नति के मामले में बात रखी गई कि राज्य में विवि शिक्षकों की प्रोन्नति को लेकर 2008 के बाद नियमावली नहीं बनी है। इस पर डीएसपीएमयू की ओर से साल 2010 में प्रोन्नति नियमावली बना कर सरकार को भेजा गया। जिसमें सरकार की ओर से आंशिक सुधार को विवि को वापस भेजा गया है। विवि के इस प्रोन्नति नियमावली के प्रस्ताव को सीनेट सदस्यों ने सहमति दी।

:::::::::::::::

स्थापना काल से ही विवि हर दिन चढ़ रहा है उपलब्धियों के पायदान पर

सीनेट की कार्यवाही को शुरू करते हुए डा. एन मुंडा ने बताया कि विवि के शिक्षक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई शैक्षणिक संगठनों के सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में हर शैक्षणिक सत्र में दो वर्षीय पीजी, तीन वर्षीय यूजी और एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत की गई है। अपने स्थापना काल से ही विवि हर दिन उपलब्धियों के पायदान चढ़ रहा है। यहां के शिक्षकों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेपर प्रजेंटेशन दिया है। साथ ही लंदन, ईरान, बिजिग, स्वीटजरलैंड जैसे देशों में गए और प्रतिभा का लोहा मनवाया है। वहीं कई तरह वोकेशनल कोर्सेस भी शुरू हुए हैं। उन्होंने कहा कि डीएसपीएमयू संभवत: राज्य का पहला विवि है, जहां झारखंड बिहार के अलावा बंगाल और ओडिशा से भी स्टूडेंट्स पढ़ाई करने आये हैं।

----------------- राज्यपाल ने कहा, शिक्षक अधिक से अधिक करें शोध कार्य

वहीं कुलाधिपति सह राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि शिक्षकों को शोध कार्य से जुड़ना चाहिए। वही शोध कार्य करना चाहिए जिससे समाज को फायदा मिल सके। अध्यापन के साथ-साथ शोध कार्य को भी साथ में लेकर चलना होगा। तभी समाज का विकास संभव है। आज भी शिक्षक ही हैं, जो समाज को दिशा देने का काम करते हैं। निश्चित रूप से कोरोना काल में पढ़ाई के स्वरूप में बदलाव हुआ, पर मूल अब भी जस का तस है।

-----------------

कुलपति के संघ की धक्का-मुक्की :

कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू के आने के ठीक पहले स्टूडेंट यूनियन की ओर से जोरदार हंगामा किया गया। सीनेट में शामिल करने की मांग को लेकर उन्होंने कुलपति डा. सत्यनारायण मुंडा का घेराव किया। इस दौरान बैठक में शामिल होने के लिए जा रहे कुलपति के संग स्टूडेंट यूनियन द्वारा धक्का-मुक्की भी की गई। छात्र उन्हें कार्यालय के बाहर जाने की अनुमति नहीं दे रहे थे। कुलपति कार्यालय के कक्ष के ठीक बाहर सभी छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। अंतत: पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ी और उन्हें जबरन बाहर निकालना पड़ा तब जाकर कुलपति कक्ष से बाहर निकल सके।

-----------------

राज्यपाल को बदलना पड़ा कार्यक्रम

स्टूडेंट यूनियन द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जाने के बाद राज्यपाल के कार्यक्रम में फेरबदल किया गया, जिसके बाद उन्हें ऑनलाइन सीनेट के सदस्यों को संबोधित करना पड़ा। जबकि राज्यपाल की कार पोर्टिको में लग गई थी और वह कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना होने वाली थी। तभी सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए कार्यक्रम में बदलाव करने का फैसला लिया गया। वही कार्यक्रम स्थल पर ऑनलाइन कार्यक्रम कराने की तैयारी पूरी नहीं थी। ऐसे में मोबाइल के माध्यम से राज्यपाल द्वारा सीनेट सदस्यों को संबोधित किया गया। यही वजह है कि कार्यक्रम अपने निर्धारित समय से एक घंटा विलंब से शुरू हुआ।

------------

इन मुद्दों पर हुई चर्चा :

सीनेट की बैठक में 20 से अधिक मुद्दों पर चर्चा की गई। जिसमें नये कोर्सेस शुरू करने, शिक्षकों की प्रोन्नति, संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति, विवि भवन के रिनोवेशन, लाइब्रेरी दुरूस्त करने, किताबों की खरीदारी , स्कूलों में पंखे और ग्रीन बोर्ड लगाने, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के क्षतिग्रस्त खिड़कियों का मरम्मति करण, भौतिक शास्त्र विभाग के प्रयोगशाला में उपकरणों की आपूर्ति, विश्वविद्यालय के परिसरों के साफ-सफाई के लिए हाउसकीपिग मैनेजमेंट की व्यवस्था जैसे मुद्दे अहम रहे। इन सभी मुद्दों में चर्चा के दौरान सीनेट के सदस्यों ने आपत्ति दर्ज की तो कई मुद्दों को बिना शोर-शराबे के पास कर दिया गया।

chat bot
आपका साथी