स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण में इंजीनियरों ने डकारे 64 लाख, जांच में खुली पोल; सरकार वसूलेगी पैसे

Hazaribagh Jharkhand News हजारीबाग के बरकट्ठा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण में भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई है। इंजीनियरों ने फर्जी बिल पर सरकार के 64 लाख 11 हजार नौ रुपये हड़प लिए। लोकायुक्त के आदेश पर जब पूरे मामले की जांच कराई गई तो इस फर्जीवाड़ा की पुष्टि हुई।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 07:31 AM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 07:31 AM (IST)
स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण में इंजीनियरों ने डकारे 64 लाख, जांच में खुली पोल; सरकार वसूलेगी पैसे
Hazaribagh, Jharkhand News: इंजीनियरों ने फर्जी बिल पर सरकार के 64 लाख 11 हजार नौ रुपये हड़प लिए।

रांची, राज्य ब्यूरो। Hazaribagh, Jharkhand News हजारीबाग के बरकट्ठा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण में भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई है। इंजीनियरों ने फर्जी बिल पर सरकार के 64 लाख 11 हजार नौ रुपये हड़प लिए। लोकायुक्त के आदेश पर जब पूरे मामले की जांच कराई गई तो इस फर्जीवाड़ा की पुष्टि हुई है। अब दोषी इंजीनियरों पर कानून सम्मत कार्रवाई के साथ-साथ उनसे राशि वसूली के लिए भी निलाम पत्र वाद दायर करने की कार्रवाई होने वाली है।

गबन के इस पूरे मामले की जांच हजारीबाग के ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता इंजीनियर देवेंद्र प्रसाद ने की है। जांच रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग झारखंड ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरकट्ठा के निर्माण के लिए 31 मई 2008 को तीन करोड़ 53 लाख 59 हजार 200 रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी थी। इस योजना के तहत निर्माण कार्य के कार्यान्वयन के लिए ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल हजारीबाग को कार्यकारी एजेंसी बनाया गया था। यह कार्य वर्ष 2008-09 में विभागीय रूप से कराया जा रहा था।

जांच रिपोर्ट के अनुसार गबन के 64 लाख 11 हजार नौ रुपयों में तत्कालीन कनीय अभियंता राम स्नेही चौबे, हरिशंकर सिंह, राजेंद्र प्रसाद राय, तत्कालीन सहायक अभियंता देवदर्शन सिंह ने कुल 46 लाख 28 हजार 361 रुपये का गबन किया। इसी तरह तत्कालीन कनीय अभियंता निर्मल कुमार तिवारी, तत्कालीन सहायक अभियंता सुनील कुमार व तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जवाहर साह ने मिलकर 17 लाख 82 हजार 648 रुपये का गबन कर लिया। रिपोर्ट के अनुसार वास्तविक कार्य मूल्य से अधिक राशि के गबन के लिए अभियंताओं के साथ-साथ तत्कालीन रोकड़पाल प्रशांत शेखर सिन्हा भी दोषी हैं।

गबन के आरोपी बीडीओ के खिलाफ शुरू हुई कार्यवाही

सिमडेगा के कुरडेग प्रखंड में बीडीओ रहे मनोज कुमार के खिलाफ मस्टर रोल घोटाले के आरोप में कार्यवाही शुरू कर दी गई है। मनोज कुमार पर आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर लाखों रुपये का गबन किया। कुरडेग प्रखंड के बड़की बिउरा पंचायत में करमडीह से कसई पहाड़ तक ड़ेढ़ किमी मोरम पथ निर्माण में डिजिटल हस्ताक्षर का दुरुपयोग कर 1.92 लाख रुपये राशि की निकासी की।

कुरडेग के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी पर मस्टर रोल घोटाले का आरोप

इसी प्रकार भैंसमारा करमडीह से कसई पहाड़ तक दो किलोमीटर मोरम पथ के निर्माण में 1.63 लाख रुपये की जगह 3.99 लाख रुपये की निकासी की गई। इन निकासियों को संदिग्ध मानते हुए उपायुक्त ने उनके खिलाफ प्रपत्र क का गठन कर कार्यवाही संचालन के लिए अनुमति मांगी थी। कार्मिक विभाग ने उनके खिलाफ कार्यवाही की शुरुआत करते हुए संकल्प जारी कर दिया है।

महुआडांड़ के तत्कालीन बीडीओ हीरक मन्ना केरकेट्टा के दो वेतनवृद्धि पर रोक

एक अन्य मामले में लातेहार के महुआडांड़ प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ हीरक मन्ना केरकेट्टा के दो वेतनवृद्धि पर रोक का दंड दिया गया है। इस कारण संचयात्मक प्रभाव से उन्हें दो वेतनवृद्धि का लाभ नहीं मिल सकेगा। केरकेट्टा पर आरोप था कि वे बैठकों में नशे में होकर उपस्थित होते थे और रोकड़ वही के रखरखाव में अनियमितता करते हैं। दोनों आरोप प्रमाणित होने के बाद उनके खिलाफ कार्यवाही का संचालन किया गया जिसके बाद उनपर दो वेतनवृद्धि की रोक का दंड लगाया गया है।

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