JOB News: झारखंड के विश्वविद्यालयों के PG डिपार्टमेंट में अब होगी घंटी आधारित शिक्षकों की तैनाती
झारखंड के उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सेवा देने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है। राज्य विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभागों में रिक्त पड़े प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर एवं असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर संविदा पर घंटी आधारित शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ हो गया है।
रांची, डिजिटल डेस्क। झारखंड के उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सेवा देने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है। राज्य विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभागों में रिक्त पड़े प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर संविदा पर घंटी आधारित शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ हो गया है। झारखंड सरकार की कैबिनेेट में लिए गए निर्णय के तहत अब पीजी डिपार्टमेंट में घंटी आधारित शिक्षक नियुक्त किए जा सकेंगे। राज्य में व्यापक पैमाने पर विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
स्थाई नियुक्ति होने तक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत घंटी आधारिश शिक्षकों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। अब तक घंटी आधारित शिक्षकों की पदस्थापना केवल महाविद्यालयों में की गई थी। नई नियमावली के अनुसार विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभागों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में पीजी की कक्षाएं लेने के लिए घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। अब तक पीजी डिपार्टमेंट में सेवानिवृत्त शिक्षकों अथवा टॉपर छात्र-छात्राएं ही कक्षा ले रहे थे। यह प्रावधान के तहत यूजीसी नेट पास और पीएचडी धारकों को भी शामिल किया गया है।
सरकार की ओर से लिए गए निर्णय के तहत विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभागों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में शिक्षण कार्य को सुचारू रूप से संचालन हेतु स्वीकृत पदों के विरुद्ध रिक्त पदों पर घंटी आधारित शिक्षकों की संविदा पर नियुक्त शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को मानदेय के भुगतान के संबंध में मार्गदर्शिका में आंशिक संशोधन की स्वीकृति दी गई। ज्ञात हो कि घंटी आधारित शिक्षकों को प्रति कक्षा 600 की दर से अधिकतम 36000 रुपये मासिक के भुगतान का प्रावधान किया गया है। घंटी आधारित शिक्षकों की ओर से राज्य सरकार से एक निश्चित मानदेय तय करने के साथ राज्य में होने वाले स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति में घंटी आधारित शिक्षकों को वरीयता देने, घंटी आधारित शिक्षकों का रिक्त पदों के विरूद्ध समायोजन करने की मांग की जा रही है।
राज्य सरकार ने किया है घंटी आधारित शिक्षकों से वादा
राज्य की वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार ने चुनाव के समय घंटी आधारित शिक्षकों से वादा किया था कि उनकी सभी मांगों पर सरकार बनने के बाद सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा। घंटी आधारित शिक्षकों क ओर से अपनी मांगों को लेकी लगातार आंदोलन किए जाते रहे हैं। राज्य सरकार को वादा याद दिलाते रहे हैं। घंटी आधारित शिक्षक संघ की नेता चंद्राणी सरकार ने कहा कि राज्य सरकार को इन शिक्षकों को स्थाई करना चाहिए। शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी व नियमानुकूल रही है। ज्ञात हो कि घंटी आधारित शिक्षकों की बहाली यूनिवर्सिटी स्तर पर आयोजित चयन प्रक्रिया के जरिए की गई है।