Jharkhand: महुआ के गंध से मदमश्त हो रहे हाथी, इसे पाने के लिए घरों पर कर रहे हमले

Jharkhand महुआ की महक हाथियों को मतवाला बना देती है। कोडरमा में एक पखवाड़े से जंगली हाथियों का झुंड अपना डेरा जमाए है। बार-बार यहां गांवों में हाथियों के आने के पीछे एक वजह महुआ भी बताया जा रहा। इसकी वन विभाग के बड़े अधिकारी भी पुष्टि कर रहे हैं।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 02:38 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 02:38 PM (IST)
Jharkhand: महुआ के गंध से मदमश्त हो रहे हाथी, इसे पाने के लिए घरों पर कर रहे हमले
कोडरमा जिले में एक पखवाड़े से जंगली हाथियों का झुंड अपना डेरा जमाए हुए है।

कोडरमा, {अनुप कुमार} । महुआ की सौंधी महक हाथियों को मतवाला बना देती है। कोडरमा जिले में पिछले एक पखवाड़े से जंगली हाथियों का झुंड अपना डेरा जमाए है। बार-बार यहां गांवों में हाथियों के आने के पीछे एक वजह महुआ भी बताया जा रहा है। इसकी पुष्टि वन विभाग के बड़े अधिकारी भी कर रहे हैं। वन अधिकारियों ने जंगली क्षेत्र से सटे गांवों के लोगों से महुआ घर में नहीं रखने की अपील की है। ताकि वे हाथियों से सुरक्षित रह सकें।

हजारीबाग जिले के बरकट्ठा होते हुए यह झुंड जयनगर व डोमचांच इलाके में कई दिनों तक उत्पात मचाने के बाद सपही जानपुर होते हुए तीन दिन पूर्व बिहार की जंगली सीमा में प्रवेश किया। लेकिन दूसरे ही दिन यह नौ हाथियों का झुंड वापस झारखंड के सतगावां प्रखंड में लौट आया। यहां एक घर को ध्वस्त करने खेतों में लगी धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचाने के बाद यह झुंड मंगलवार को दिनभर सतगावां के कोठियार, पेलनी, भुआलडीह, खुटा आदि इलाके में विचरण करता रहा। शाम को वन विभाग द्वारा पश्चिम बंगाल के बांकुरा से बुलाए एक्सपर्ट की टीम ने मशाल आदि से हाथियों को खदेड़कर गिरिडीह जिले के गावां के जंगल की ओर भगा दिया।

घर-घर में है महुआ, जंगलों में बनती है शराब

इलाके में बार-बार हाथियों के झुंड के आने की एक प्रमुख वजह महुआ है। कोडरमा जिले के जंगली इलाके में महुआ प्रमुख उत्पाद है। इससे सटे गांवों में महुआ घर-घर में रहता है। यह लोगों के रोजगार का भी एक साधन है। इलाके में महुआ के पेड़ बहुतायत में है। गर्मियों में इसका फल तैयार होकर गिरता है, जिसे चुनने के बाद ग्रामीण सुखाकर अपने घरों में रखते हैं। महुआ से जंगली क्षेत्रों में अवैध तरीके से देसी शराब तैयार की जाती है। इसकी गंध भी काफी तेज होती है।

सतगावां के वन क्षेत्र पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह कहते हैं, महुआ की महक हाथियों को मतवाला बना देती है। इसी की मदहोशी में हाथी उत्पात मचाते हैं। हाथियों को सूखा महुआ काफी पसंद है। इसकी महक मिलने पर हाथी घरों को तोड़कर वहां रखे महुआ को चट कर जाते हैं। सोमवार की रात्रि जिस घर को हाथियों ने तोड़ा उसमें कई बोरे में महुआ रखा था। इसे झुंड में शामिल हाथियों ने चट कर दिया। इसके अलावा चावल गेहूं व अन्य अनाज भी चट कर गए।

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