झाविमो के भाजपा में विलय को चुनाव आयोग की मंजूरी, JVM का अस्तित्व समाप्त-'कंघी' जब्त

झारखंड विकास मोर्चा के भाजपा में विलय को चुनाव आयोग ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी इससे अब झारखंड विधानसभा में बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हासिल हो सकेगा।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 06 Mar 2020 09:16 PM (IST) Updated:Sun, 08 Mar 2020 04:56 AM (IST)
झाविमो के भाजपा में विलय को चुनाव आयोग की मंजूरी, JVM का अस्तित्व समाप्त-'कंघी' जब्त
झाविमो के भाजपा में विलय को चुनाव आयोग की मंजूरी, JVM का अस्तित्व समाप्त-'कंघी' जब्त

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के भारतीय जनता पार्टी में विलय को भारत निर्वाचन आयोग ने अपनी मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को चुनाव आयोग ने इस बाबत अधिकृत पत्र भी जारी कर दिया। आयोग ने झाविमो के अस्तित्व को समाप्त मानते हुए उसके चिह्न कंघी को जब्त कर लिया है। चुनाव आयोग के मुताबिक 14 फरवरी को झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने एक पत्र के माध्यम से इस संबंध में सूचित किया था कि संगठन का विलय भाजपा में कर दिया गया है। आयोग ने यह भी जानकारी दी कि झाविमो के दो विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण दल से निकाले गए।

बाबूलाल को नेता बनाने की मांग पर बाधित है सदन

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की शुरूआत 28 फरवरी को हुई थी। आरंभ से ही भाजपा के विधायकों ने बाबूलाल मरांडी को भाजपा विधायक दल की मान्यता देने को लेकर सदन की कार्यवाही बाधित की है। स्पीकर ने सदन में कहा है कि वे कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर फैसला लेंगे। इसकी प्रक्रिया चल रही है। झारखंड विधानसभा के स्‍पीकर ने कहा कि अभी मुझे फैसले की जानकारी नहीं मिली है। अगर फैसला आया है तो उसका अध्ययन किया जाएगा। झाविमो से निकाले गए विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि चुनाव आयोग ने जब फैसला दे ही दिया है तो मैैं क्या बोल सकता हूं।

बंधु तिर्की को बताया गया है बाबूलाल तिर्की

आयोग के आदेश-पत्र में बंधु तिर्की का नाम बाबूलाल तिर्की बताया गया है। विलय की जानकारी के आधार पर झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से 21 फरवरी को जानकारी मांगी गई थी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने विधानसभा सचिवालय से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि झाविमो के टिकट पर चुनाव जीते विधायकों के दल की संबद्धता में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसके बाद आयोग ने इस आधार पर विलय को मान्यता दी कि दल के विलय का फैसला दो तिहाई सदस्यों के बहुमत से लिया गया है। झाविमो के संविधान के मुताबिक मंोर्चा के विभिन्न प्रकोष्ठ के नाम आदि में परिवर्तन का फैसला भी केंद्रीय समिति साधारण बहुमत से करेगी। मोर्चा के विघटन का फैसला दो तिहाई केंद्रीय समिति के सदस्यों के बहुमत के फैसले से होगा।

मोर्चा की संपत्ति किसी चैरिटेबल ट्रस्ट, समान विचारधारा वाले दलों को देने का फैसला मोर्चा विघटन का निर्णय लेते वक्त किया जाएगा। चुनाव आयोग को जानकारी दी गई कि 11 फरवरी को इन्हीं प्रावधानों के मुताबिक दो तिहाई सदस्यों के बहुमत से विलय का फैसला लिया गया। इस बाबत विभिन्न समाचारपत्रों में छपी खबरें भी संलग्न की गई है। तमाम दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद झाविमो के भाजपा में विलय को मंजूरी दी जाती है। 

अब नेता प्रतिपक्ष की मान्यता पर दबाव बनाएगी भाजपा

चुनाव आयोग की मंजूरी को आधार बना भाजपा, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो पर बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने को लेकर दबाव बनाएगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने चुनाव आयोग द्वारा झाविमो के भाजपा में विलय की मंजूरी देने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के इस निर्णय से लोकतंत्र और मजबूत हुआ है। इसके साथ ही कुछ राजनीतिक दलों द्वारा जबरदस्ती इस मुद्दे को विवादास्पद बनाये जाने के प्रयास का भी अंत हो गया। दीपक प्रकाश ने कहा की चुनाव आयोग के इस निर्णय के आलोक में झारखंड विधानसभा के स्पीकर को भी अविलंब बाबूलाल मरांडी को विपक्ष का नेता घोषित करना चाहिए। इस प्रक्रिया में और विलंब करना लोकतंत्र की मर्यादा के विपरीत होगा।

भाजपा के विधायक माने जाएंगे बाबूलाल मरांडी

झारखंड विकास मोर्चा के विलय को मंजूरी के बाद बाबूलाल मरांडी भाजपा के विधायक माने जाएंगे। चुनाव आयोग की मान्यता के बाद उनकी स्थिति को लेकर किसी प्रकार के विवाद की गुंजाइश अब नहीं है। भाजपा ने उन्हें विधायक दल का नेता भी घोषित किया है। सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता की हैसियत से अब उनकी बतौर नेता प्रतिपक्ष मान्यता में भी कोई अड़चन नहीं है। जाबिर हुसैन, पूर्व सभापति, बिहार विधान परिषद।

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