डेढ़ साल में आठ नोटिस, तत्कालीन एसपी रेल ने किसी का नहीं दिया जवाब

राची दिलीप कुमार रेल थाना राची व हटिया में अनियमितता के मामले में वरीय अधिकारियों के आठ नोटिस का जवाब भी तत्कालीन एसपी रेल जमशेदपुर डॉ. एहतेशाम वकारिब ने नहीं दिया। हाल ही में डा. एहतेशाम वकारिब का स्थानातरण एसपी कोडरमा के पद पर हुआ है। अब संबंधित शिकायत पुलिस मुख्यालय में पहुंची है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 02:03 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 06:19 AM (IST)
डेढ़ साल में आठ नोटिस, तत्कालीन एसपी रेल ने किसी का नहीं दिया जवाब
डेढ़ साल में आठ नोटिस, तत्कालीन एसपी रेल ने किसी का नहीं दिया जवाब

राची, दिलीप कुमार : रेल थाना राची व हटिया में अनियमितता के मामले में वरीय अधिकारियों के आठ नोटिस का जवाब भी तत्कालीन एसपी रेल जमशेदपुर डॉ. एहतेशाम वकारिब ने नहीं दिया। हाल ही में डा. एहतेशाम वकारिब का स्थानातरण एसपी कोडरमा के पद पर हुआ है। अब संबंधित शिकायत पुलिस मुख्यालय में पहुंची है।

जीआरपी राची व हटिया में अनियमितता का मामला 26 दिसंबर 2018 को लोकायुक्त कार्यालय पहुंचा था। डोरंडा निवासी राजीव रंजन ने लोकायुक्त कार्यालय में एक स्टिंग की सीडी सौंपी थी और यह जानकारी दी थी कि किस तरह जीआरपी थाना राची व हटिया में थाने में शराब पीने से लेकर रिश्वत लेने तक के भ्रष्टाचार में पुलिस अधिकारी व कर्मी लिप्त हैं। इस मामले में लोकायुक्त कार्यालय ने जनवरी-2019 में ही तत्कालीन आइजी रेल सुमन गुप्ता को पत्र लिखकर उक्त शिकायत की जाच कराने व उससे संबंधित रिपोर्ट देने को कहा था। आइजी रेल ने भी तत्कालीन एसपी रेल डॉ. एहतेशाम वकारिब को इस संबंध में जाच कराकर शीघ्र रिपोर्ट देने को कहा था, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं मिली।

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कब-कब भेजी गई नोटिस :

- 24 जनवरी 2019

- 04 फरवरी 2019

- 07 जून 2019

- 11 जुलाई 2019

- 26 अगस्त 2019

- 07 नवंबर 2019

- 31 जनवरी 2020

- 03 फरवरी 2020

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आइजी के नहीं रहने से लौटा पत्र तो पुलिस मुख्यालय से हुआ पत्राचार :

जब आठ नोटिस के बावजूद पत्र का जवाब नहीं मिला, तो नौवा पत्र आइजी रेल के नाम से गत माह 19 जून को आइजी रेल के नाम से भेजा गया। इधर, आइजी रेल सुमन गुप्ता का आइजी प्रोविजन के पद पर स्थानातरण हो चुका है। आइजी रेल का पद रिक्त होने की वजह से पत्र वापस लौट गया। इसके बाद लोकायुक्त कार्यालय ने इससे संबंधित पत्राचार पुलिस मुख्यालय से किया है, ताकि लंबित मामले में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

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