आठ जिलों में सूखा की स्थिति, गुमला में औसत से 50 प्रतिशत कम बारिश

एक ओर जहां राज्य में पिछले एक सप्ताह से लगातार बारिश हो रही है वहीं आठ जिलों में सूखा का संकट खड़ा हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 01:54 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 06:14 AM (IST)
आठ जिलों में सूखा की स्थिति, गुमला में औसत से 50 प्रतिशत कम बारिश
आठ जिलों में सूखा की स्थिति, गुमला में औसत से 50 प्रतिशत कम बारिश

जागरण संवाददाता, रांची : एक ओर जहां राज्य में पिछले एक सप्ताह से लगातार बारिश हो रही है, वहीं आठ जिलों में सूखा का संकट खड़ा हो गया है। मौसम विभाग द्वारा जारी एक से 12 जुलाई तक बारिश के आंकड़ों ने किसानों की चिता बढ़ा दी है। विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे कम गुमला में बारिश हुई है। देवघर, गुमला, खूंटी, पाकुड़, साहिबगंज, सरायकेला-खरसावां, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम में 15 से लेकर 50 प्रतिशत तक बारिश हुई है। रांची में भी सामान्य से 10 प्रतिशत तक कम बारिश हुई है। अभी तक कहा जा रहा था कि झारखंड में सामान्य से अधिक बारिश हुई है, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार बारिश में दो प्रतिशत की कमी है। राज्य में अभी तक औसत बारिश 288.1 मिमी होनी चाहिए थी, लेकिन अभी 283.7 मिमी बारिश हुई है। बढ़ी सरकार व किसानों की चिंता

रिपोर्ट के अनुसार गुमला में 50 प्रतिशत, खूंटी मे 35, पाकुड़ में 37, साहिबगंज में 40, देवघर में 29, सरायकेला-खरसावां में 26, सिमडेगा में 25 और पश्चिमी सिंहभूम में 15 प्रतिशत कम बारिश हुई है। देवघर में 302.1 मिलीमीटर की जगह 213.1 मिमी वर्षा हुई है। वहीं गुमला में 352.1 मिमी वर्षा होनी चाहिए, लेकिन अभी तक सिर्फ 174.6 मिमी बारिश हुई है। साहिबगंज में 421.5 मिमी की जगह सिर्फ 252.2 मिमी व पाकुड़ में 375.1 मिमी की जगह 236.8 मिमी वर्षा हुई है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के बीच ये आंकड़े सरकार के साथ किसानों के लिए चिता का विषय है। पानी की कमी से धान की खेती हो रही प्रभावित

राज्य में धान प्रमुख फसल है। लेकिन वर्षा की स्थिति देखकर किसानों के हालात खराब हैं। इस वर्ष किसानों को बीज मिलने में दिक्कत हुई। आधे से ज्यादा किसानों को समय पर बिचड़ा डालने के लिए बाजार से बीज खरीदना पड़ा। अब बारिश नहीं होने से किसानों की कमर टूट जाएगी। इन जिलों में धनरोपणी भी प्रभावित हो रहा है। वर्ष 2019 में भी केंद्र सरकार को झारखंड के 10 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करना पड़ा था। इससे 12 लाख किसान प्रभावित हुए थे। पिछले वर्ष इन दस राज्यों में औसत 754.3 मिमी की जगह 541.6 मिमी बारिश हुई थी जो सामान्य से 28 प्रतिशत तक कम है। पलामू में सबसे अधिक बारिश

राज्य में सबसे ज्यादा बारिश पलामू में हुई है। यहां औसत से 105 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई है। 12 जुलाई तक जिले में 225 मिमी बारिश होनी चाहिए थी। लेकिन यह आंकड़ा बढ़कर 461.4 मिमी बारिश हो चुकी है।

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