मिशन नीट : रणनीति बनाकर पढ़ने से निकलेगा नीट, रिवीजन के साथ करें प्रैक्टिस
एमबीबीएस बीएएमएस समेत चिकित्सा के अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नी
जासं, रांची : एमबीबीएस, बीएएमएस समेत चिकित्सा के अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट(यूजी) के आयोजन को लेकर सस्पेंस पूरी तरह से खत्म हो चुका है। काफी लंबे समय से परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थी इसका इंतजार कर रहे थे। नए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद ये फैसला किया कि 12 सितंबर को नीट की परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इस एलान के बाद विद्यार्थी एक बार फिर से मेहनत से पढ़ाई करने में जुट गए हैं। ऐसे में कुछ एक्सपर्ट से जानते हैं कि वो नीट(यूजी) के छात्रों को क्या सलाह देते हैं।
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घबराए नहीं, रूटीन बनाएं:
गुरुनानक स्कूल के प्रिसिपल डा. मनोहर लाल बताते हैं कि नीट(यूजी) की परीक्षा तिथि की घोषणा होने के बाद कई विद्यार्थी पैनिक का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में छात्रों को सबसे पहले घबराने की जरूरत नहीं है। वो पहले की तरह अपने रूटीन पढ़ाई को फालो करें। अगर रूटीन नहीं बनाया है तो अभी से रूटीन बनाकर विषयों का समय विभाजन कर तैयारी करें। फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलाजी के ऐसे पाठ या अंश जहां से लगातार सवाल पूछे जा सकते हैं, उनकी पहचान कर तैयारी करें। इसके साथ ही रूटीन में सबसे ज्यादा समय अपने कमजोर विषय को दें। रिविजन का समय निर्धारित रखें। याद रखें आपका मजबूत विषय आपको बेहतर स्कोर करने में मदद करेगा। इसलिए इसकी थोड़ी भी उपेक्षा न करें।
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पुराने प्रश्नों से करें प्रैक्टिस:
जेवीएम श्यामली के प्राचार्य डा. समरजीत जाना बताते हैं कि एक पुरानी कहावत है कि प्रैक्टिस ही व्यक्ति को बेहतर बनाता है। नीट की परीक्षा में करीब दो महीने का वक्त बचा है। ऐसे में विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करने पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए प्रैक्टिस सेट और पुराने प्रश्नों की प्रैक्टिस करें। साथ ही, एक सेट को बनाने के लिए घड़ी में अलार्म लगाकर काम करें। निश्चित समय में सेट को बनाने की आदत डालें। इससे परीक्षा में आप ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों को टच कर सकेंगे। सबजेक्ट पर अपनी पकड़ को कमजोर न होने दें। विद्यार्थी इस वक्त घबराएं नहीं उन्होंने जो पढ़ा है, प्रश्न उसी में से पूछा जाएगा। छह घंटे की पर्याप्त नींद लें। कोरोना संक्रमण को देखते हुए खानपान और व्यायाम को भी अपनी दिनचर्चा का हिस्सा बनाए।