Jharkhand: रांची में तेजी से बढ़ी ई-व्हीकल की मांग, कई कंपनियों में वेटिंग
पेट्रोल-डीजल के दाम में भारी बढ़ोत्तरी जारी है। उधर जीएसटी काउंसील ने पेट्रोलियम पदार्थ को जीएसटी में शामिल नहीं किया है। इससे साफ हो गया है कि सरकार अभी पेट्रोलियम उत्पाद पर लगने वाले टैक्स कम करने के मूड में नहीं है।
रांची, जासं। पेट्रोल-डीजल के दाम में भारी बढ़ोत्तरी जारी है। उधर जीएसटी काउंसील ने पेट्रोलियम पदार्थ को जीएसटी में शामिल नहीं किया है। इससे साफ हो गया है कि सरकार अभी पेट्रोलियम उत्पाद पर लगने वाले टैक्स कम करने के मूड में नहीं है। इस बीच रांची में इलेक्ट्रिक बाइक की मांग काफी बढ़ी है। शोरूम के मालिक बताते हैं कि पिछले एक वर्ष में मांग में लगभग दो गुना का इजाफा हुआ है। वहीं कंपनियां अभी भी पेट्रोल बाइक बनाने पर फोकस कर रही है। हीरो इलेक्ट्रिक बाइक के विक्रेता रमेंद्र गुप्ता बताते हैं कि पेट्रोल के दाम में वृद्धि के कारण ई व्हीकल की मांग काफी बढ़ी है। केवल बाइक ही नहीं रिक्शा की बिक्री भी बढ़ी है। इसके कारण कुछ माडल में वेटिंग है।
कंपनियों ने गुणवक्ता में किया सुधार
पिछले दो-तीन वर्ष में इलेक्ट्रिक बाइक बनाने वाली कंपनियों ने अपने बाइक की गुणवक्ता में काफी सुधार किया है। बॉडी मजबूत करने के साथ-साथ बैट्ररी को भी दमदार बनाया है। कंपनियां बाइक में पहले से बेहतर सस्पेंशन और फीचर दे रही है। ऐसे में दो पहिया वाहन खरीदने वाले इसके बारे में एक बार विचार जरूर कर रहे हैं। हालांकि इलेक्ट्रिक बाइक के साथ सबसे बड़ी समस्या इसके चार्जिंग को लेकर है। कंपनियां लगातार इसके चार्ज पावर और कम समय में चार्ज होने को लेकर प्रयोग कर रही है। हालांकि नयी माडल की बाइक पहले के माडल से करीब 40 प्रतिशत तक जल्दी चार्ज होती है। इसके साथ ही बैकअप यानि ट्रैवल टाइम में भी बेहतर दे रही है।
टैक्स कम होने से कीमतें हैं सस्ती
पेट्रोल-डीजल गाड़ियों पर एक तरफ जहां भारी टैक्स लगता है। वहीं दो साल पहले केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दरों को 12 फीसदी से घटा कर 5 फीसदी कर दिया था। इसके कारण वाहनों की कीमत में बड़ी गिरावट आयी थी। अब जून के महीने में केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने फेम दो नीति में बड़ा बदलाव करते हुए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर ज्यादा सब्सिडी दे रही है। पहले इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर दस हजार रूपए प्रति किलोवाट की सब्सिडी मिलती थी। मगर अब नीति में संशोधन के बाद अब 15,000 रुपये प्रति किलोवाट तक की सब्सिडी मिल रही है। यही कारण है कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन तेजी से सस्ते होने लगे हैं।
होम डिलिवरी वालों की बनी पसंद
ई व्हीकल सामानों की होम डिलिवरी करने वाले किराना दुकान से लेकर रेस्टोरेंट की पसंद बनते जा रहे हैं। अरगोड़ा में रेस्टोरेंट के मालिक कुणाल सिन्हा बताते हैं कि उन्होंने दो ई बाइक रखी है। इससे होम डिलिवरी का खर्च काफी कम हो जाता है। बाइक जब इस्तेमाल नहीं होती तो चार्ज में रहती है। इसकी बैट्ररी फूल चार्ज होने में लगभग तीन घंटे का वक्त लगता है। इसके बाद कम से कम 150 किमी तक चलती है।
आकर्षक लुक युवाओं को लुभा रहा
ई बाइक के आकर्षक लूक और कलर्स युवाओं को काफी आकर्षित कर रहे हैं। हालांकि इसमें बस एक परेशानी है कि इसकी स्पीड लिमिट काफी कम है। ई बाइक मुश्किल से 40किमी की रफ्तार पर चलती है। इसके साथ ही कहीं दूर जाने पर चार्ज खत्म होे का खतरा भी है।
ओला भी जल्द उतार रही है ई बाइक
ओला जल्द ही दस आकर्षक रंगों में अपनी ई बाइक बाजार में उतारने वाली है। इसके लिए कुछ शहरों में बुकिंग शुरू हो गयी है। बड़ी बात ये हैं कि इस बाइक को न्यू जेनरेशन इ बाइक माना जा रहा है। इसके हैंडल पर जीपीएस से लेकर मोबाइल तक को कनेक्ट करने की सुविधा है। कंपनी इस बाइक की सीधे होम डिलिवरी लोगों के घरों पर करने का मन बना रही है।