डीवीसी ने घटाया 1619.42 करोड़ बकाया

रांची कोरोना संकट की वजह से वित्तीय परेशानी झेल रहे झारखंड के लिए यह खबर सुकून देने वाली है। दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने बिजली वितरण निगम के पास अपने कुल बकाये की राशि में कमी करने पर सहमति दी है। यह राशि 1619.42 करोड़ रुपये है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 Jan 2021 10:18 PM (IST) Updated:Tue, 05 Jan 2021 10:18 PM (IST)
डीवीसी ने घटाया 1619.42 करोड़ बकाया
डीवीसी ने घटाया 1619.42 करोड़ बकाया

रांची : कोरोना संकट की वजह से वित्तीय परेशानी झेल रहे झारखंड के लिए यह खबर सुकून देने वाली है। दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने बिजली वितरण निगम के पास अपने कुल बकाये की राशि में कमी करने पर सहमति दी है। यह राशि 1619.42 करोड़ रुपये है। डीवीसी की पूर्व में दावेदारी कुल 5608.32 करोड़ रुपये थे। इसमें विवादित राशि 1619.42 करोड़ रुपये था। इस निर्णय के बाद अब झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) पर डीवीसी का कुल बकाया 3988.90 करोड़ हो गया है। इस राशि में में डीवीसी सरकार के साथ हुए समझौते के तहत 1417.50 करोड़ रुपये तीन माह पहले काट चुका है। इस माह में अगली किस्त काटने को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय राज्य सरकार को पूर्व में ही सूचित कर चुका है। राशि घटाने के बाद अब डीवीसी का कुल बकाया 2571.40 करोड़ ही बचा है।

गौरतलब है कि डीवीसी का 5608.32 करोड़ रुपये बकाया नहीं चुकाए जाने पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने झारखंड सरकार के खाते से 1417.50 करोड़ रुपये काट लिए थे। 15 अक्तूबर 2020 को राज्य सरकार के आरबीआइ खाते से 1417.50 करोड़ रुपये काट कर ऊर्जा मंत्रालय के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था। नोटिस के तहत 1470.50 करोड़ की दूसरी किस्त जनवरी 2021, तीसरी अप्रैल व चौथी जुलाई में वसूला जाना है। बकाया कम होने के बाद केंद्र सरकार ने कटौती राशि को भी घटा दिया है। अब 2571.40 करोड़ रुपये बकाया राशि को तीन किस्तों में काटा जायेगा। इस लिहाज से लगभग सात सौ करोड़ रुपये की किस्त में राशि कटेगी। शेष राशि का भुगतान बिजली वितरण निगम अलग से करेगा। इसी माह में दूसरी किस्त की राशि केंद्र सरकार कभी भी कटौती कर सकती है।

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ट्रिब्यूनल में है मामला :

डीवीसी द्वारा नियामक आयोग को भेजे जाने वाली ऑडिट में वर्ष 2006 से 2016 तक के अकाउंट का ट्रूअप नहीं दिया गया है। जेबीवीएनएल का दावा है कि इस दौरान डीवीसी ने ज्यादा राशि ले ली थी। इस विवादित राशि का मामला अपीलेट ट्रिूब्यूनल में चल रहा है। इस विवाद के मद्देनजर डीवीसी के अध्यक्ष व राज्य के मुख्य सचिव के बीच बातचीत हुई। मुख्य सचिव ने डीवीसी के अध्यक्ष को राशि घटाने को लेकर पत्र भेजा। इसके बाद निर्णय हुआ कि जबतक अपीलेट ट्रिब्यूनल से कोई फैसला नहीं हो जाता, तबतक राशि को कुल बकाया बिल से हटाया जाता है।

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मंगलवार को भी जारी रही कटौती :

डीवीसी ने अपने कमांड एरिया के सात जिलों में मंगलवार को भी कटौती की। डीवीसी ने लगभग 300 मेगावाट बिजली की कटौती की। सामान्य दिनों में डीवीसी 600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करता है। डीवीसी के मुताबिक कटौती नोटिस प्रभावी रहेगा। इसमें किसी प्रकार की ढिलाई का निर्देश नहीं है।

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