1958 से भव्यता का प्रतीक बना है बकरी बाजार

राजधानी रांची में दुर्गा पूजा के लिए पंडाल बनकर लगभग तैयार है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 01:54 AM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 01:54 AM (IST)
1958 से भव्यता का प्रतीक बना है बकरी बाजार
1958 से भव्यता का प्रतीक बना है बकरी बाजार

जासं, रांची : राजधानी रांची में दुर्गा पूजा के लिए पंडाल बनकर लगभग तैयार है। पंडालों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। भारतीय युवक संघ बकरी बाजार का पंडाल मुख्य पंडालों में एक है। हालांकि कोरोना संक्रमण और सरकारी गाइडलाइन के अनुसार इस बार पंडाल का डिजाइन किसी किले या धार्मिक स्थल या कुछ और को ध्यान में रखकर नहीं बनाया गया है। इस बारे सामान्य पंडाल में ही भव्य तरीके से पूजा की तैयारी चल रही है। भारतीय युवक संघ, बकरी बाजार के 20 वर्षों से अध्यक्ष रहे अशोक चौधरी बताते हैं कि बकरी बाजार में 1958 से लगातार मां की पूजा की जा रही है। हर बार यहां कुछ विशेष बनाया जाता रहा है। वर्ष 2000 और 2010 में श्री राम मंदिर का प्रारूप बनाया गया था। इसके अलावा अलग-अलग वर्षो में कलाकारों ने विक्टोरिया हाउस, मैसूर का किला, अक्षरधाम मंदिर आदि के प्रारूप का पंडाल का निर्माण किया था।

वर्ष 2019 में इंद्रधनुष के सात रंगों से सजा स्वर्गलोक बनाया गया था। इसमें उन भारतीयों की तस्वीर एक पेड़ की टहनियों के रूप में लगी थी जिन्होंने देश के लिए कुछ बेहतर किया। पंडाल का निर्माण पूरी तरह से प्रकृति को ध्यान में रखकर किया गया था। पंडाल में कहीं भी प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं हुआ था। लकड़ी और कपड़े का इस्तेमाल से पूरा पंडाल बनाया गया था। शानदार लाइटिग और गांव के जीवन को भी प्रदर्शित किया गया था।

संघ के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बताया कि पहले पंडाल में भक्तों की सुरक्षा के लिए मास्क और सैनिटाइजर बाटने की व्यवस्था थी। लेकिन सरकारी आदेश के तहत अब मास्क और सैनिटाइजर का वितरण नहीं किया जाएगा।

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