रांची में घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी, पीड़‍ित महिलाएं वन स्‍टाप सेंटर में करें शिकायत; तुरंत होगी कार्रवाई

Domestic Violence Jharkhand News वन स्‍टाप सेंटर एक ऐसी जगह है जहां महिलाओं की याचिका सुनी जाती है। साथ ही मामले में फौरी कार्रवाई भी की जाती है। यहां पीड़िताओं को विधिक मेडिकल व आश्रय की सुविधा मिलती है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 09:46 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 10:14 AM (IST)
रांची में घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी, पीड़‍ित महिलाएं वन स्‍टाप सेंटर में करें शिकायत; तुरंत होगी कार्रवाई
Domestic Violence, Jharkhand News वन स्‍टाप सेंटर एक ऐसी जगह है, जहां महिलाओं की याचिका सुनी जाती है।

रांची, जासं। रांची में इस साल घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं। राजधानी के वन स्टाप सेंटर में ही पिछले साल की तुलना में इस साल घरेलू हिंसा के 18 मामले अधिक दर्ज किए गए हैं। पिछले साल यहां 21 महिलाओं ने अपनी फरियाद सुनाई थी। जबकि, इस साल 39 महिलाएं अपनी शिकायत लेकर यहां पहुंची हैं। इस साल मेंटल टॉर्चर, साइबर क्राइम, दहेज प्रताड़ना, फ्रॉड सहित अन्य मामले सामने आए हैं। इन 39 शिकायतों में चार केस डालसा को सौंपे गए हैं। दो केस लंबित चल रहे हैं। बाकी मामलों का वन स्टाप सेंटर ने अपने स्तर से निस्तारण कर दिया है।

वन स्टाप सेंटर में महिलाओं की शिकायत सुनी जाती है। साथ ही मामले में कार्रवाई भी कराई जाती है। इन मामलों में रेप, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, ईव टीजिंग, छेड़खानी, रेस्क्यू तथा मानसिक रूप से प्रताड़ना शामिल है। यहां पीड़िताओं को विधिक, मेडिकल व आश्रय की सुविधा मिलती है। इस सेंटर के तहत पीड़ित महिलाओं को फौरी मदद मिलने की व्यवस्था की गई है। फिलहाल सेंटर में एक महिला कॉन्स्टेबल व 2 महिला स्टाफ तथा एक केस वर्कर हैं। पहले इस सेंटर को रिन्पास द्वारा संचालित किया जाता था। अब इसे डीएसडब्लू द्वारा संचालित किया जा रहा है।

महिलाएं कैसे लें सेवा का लाभ

कोई भी पीड़ित महिलाएं इस सेंटर पर महिला हेल्पलाइन के माध्यम से, किसी के साथ या खुद अकेले भी जाकर मदद ले सकती हैं। वहां जाने पर महिला कॉन्स्टेबल द्वारा महिला का आवेदन लिया जाता है। इसके बाद केस वर्कर द्वारा पीड़िता का केस रजिस्टर कर मामले की जांच की जाती है। जरूरत पड़ने पर महिला को काउंसलिंग भी दी जाती है। ऐसा मामला सामने आने पर, जहां पीड़िता को रहने-खाने की दिक्कत हो, सेंटर द्वारा महिला को कम से कम 5 दिनों के लिए आश्रय दिया जाता है। इसके बाद उसे किसी और आश्रय में भेजा जाता है, जहां महिला की देखभाल की जा सके।

नियमित स्टाफ रखने की हो रही है तैयारी

वन स्टॉप सेंटर की एडमिन व सीडीपीओ मालती पुष्पा ने बताया कि इस वर्ष घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि हुई है। हमने रांची के 42 थानों को कह कर रखा है कि अगर कोई मामला आता है, तो हमारे यहां रेफर कर दिया जाए। कुछ मामले महिला हेल्पलाइन के माध्यम से भी आते हैं। किसी महिला को वकील की जरूरत पड़ने पर उन्हें लीगल मदद की सुविधा उप्लब्ध कराई जाती है। रेगुलर स्टाफ न होने की वजह से थोड़ी दिक्कत हो रही है। नए रेगुलर स्टाफ के लिए स्क्रूटनी हो गई है। जल्द ही इस सेंटर को और ज्यादा स्टाफ मिलेंगे। डालसा से एक लीगल एडवाइजर की भी मांग की गई है।

महिलाओं को सेंटर के बारे में नहीं है जानकारी

सीडीपीओ मालती ने बताया कि इस सेंटर के बारे में और ज्यादा प्रचार-प्रसार की जरूरत है। अभी भी कई ऐसी महिलाएं हैं, जिन्हें इस सेंटर के बारे में जानकारी नहीं है। ऐसे में महिला के बीच जागरुकता फैलाना काफी जरूरी है।

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