Ranchi news : रिम्स की नई व्यवस्था का विरोध, डाक्टर इलाज करना चाहते हैं मैनेजमेंट संभालना नहीं

रिम्स प्रबंधन द्वारा सीनियर डाक्टरों को हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम की कमान सौंपने का पहले ही दिन विरोध शुरू हो गया। रिम्स टीचर्स एसोसिएशन ने इसका विरोध करते हुए शुक्रवार को बैठक की और कहा कि अगर डाक्टर ही मैनेजमेंट संभालने लगे तो फिर निदेशक अधीक्षक और उपाधीक्षक क्या करेंगे।

By Sanjay Kumar SinhaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 06:00 AM (IST)
Ranchi news : रिम्स की नई व्यवस्था का विरोध, डाक्टर इलाज करना चाहते हैं मैनेजमेंट संभालना नहीं
रिम्स टीचर्स एसोसिएशन ने इसका विरोध करते हुए शुक्रवार को बैठक की

 रांची (जासं): रिम्स प्रबंधन द्वारा सीनियर डाक्टरों को हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम की कमान सौंपने का पहले ही दिन विरोध शुरू हो गया। रिम्स टीचर्स एसोसिएशन ने इसका विरोध करते हुए शुक्रवार को बैठक की और कहा कि अगर डाक्टर ही मैनेजमेंट संभालने लगे तो फिर निदेशक, अधीक्षक और उपाधीक्षक का काम क्या रह जाएगा। डाक्टरों को इलाज कराने से लेकर पढ़ाने तक की जिम्मेवारी होती है। इसे लेकर एसोसिएशन शनिवार को निदेशक से मुलाकात कर इससे सुधारने के लिए ज्ञापन सौंपेगा।

एसोसिएशन के अध्यक्ष डा प्रभात कुमार बताते हैं कि पहले से ही मैनेजमेंट का हिस्सा सीएमओ को दिया गया है। वे ही हमेशा निरीक्षण कर सारी चीजें व्यवस्थित करते रहे हैं। निदेशक को चाहिए कि वे सीएमओ को अच्छे से चलाने पर ध्यान दें। उनकी जिम्मेवारी तय की जाए। साथ ही सीएमओ के रिक्त पदों को भरने का काम किया जाए। ताकि डाक्टर मरीजों के इलाज और छात्रों के पढ़ाई पर ध्यान दे सकें ना कि मैनेजमेंट संभालने का हिस्सा बनें।

रोस्टर के अनुसार, कंट्रोल रूम में रहने की मिली थी जिम्मेवारी

एक दिन पहले ही रिम्स में नई व्यवस्था लागू करते हुए प्रोफेसर, एसिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर का रोस्टर तैयार कर उन्हें कंट्रोल रूम की जिम्मेवारी दी गई थी। जिसमें उन्हें सातों दिन 24 घंटे तक ड्यूटी में रहना होगा। साथ ही अस्पताल का राउंड लगाना होगा। ड्यूटी से गायब रहने वाले डाक्टर व नर्स की रिपोर्ट कर कार्रवाई भी करनी होगी। हालांकि चिकित्सक यह काम प्रबंधन व सीएमओ का बता रहे हैं।

पहले ही दिन कंट्रोल रूम सही से नहीं चल पाया : हालांकि कंट्रोल रूम शुरू हुआ लेकिन यह पहले ही दिन सुचारू रूप से नहीं चल पाया। सुबह से ही किसी शिफ्ट में डाक्टरों ने पूरी तरह से रुचि नहीं दिखाई।

रिम्स में हंै दो सीएमओ, जरूरत से सात की : रिम्स में सीएमओ एक ऐसा पद रहा है जो हमेशा ही मरीजों की समस्या से लेकर व्यवस्था को दुरूस्त करने का काम करता रहा है। शुरुआत में इस पद पर आठ से नौ सीएमओ रहते थे। लेकिन आज इनकी संख्या दो हो गई है, अधिकतर लोग सेवानिवृत्त हो चुके हैं। डाक्टरों का कहना है कि जो व्यवस्था बनी थी उसे दुरूस्त किया जाना चाहिए और रिक्त पदों पर बहाली का रास्ता निकालना चाहिए।

बैठक में उठे डाक्टरों के कई मुद्दे : रिम्स टीचर्स एसोसिएशन की बैठक में डाक्टरों के अन्य कई मुद्दों पर भी चर्चा की गई। जिसमें डाक्टरों के 2016 के बाद से अभी तक कोई प्रमोशन नहीं होने की बात रखी गई। साथ ही कोरोना काल में सरकार द्वारा घोषित किए जाने के बाद भी एक माह का अतिरिक्त वेतन डाक्टरों को नहीं दी गई। जबकि अन्य अस्पतालों में डाक्टरों को वेतन मिल भी चुका है। लेकिन रिम्स में ही सभी इस योजना से वंचित हैं। इसके अलावा रिम्स में सातवें वेतनमान का एरियर अभी तक नहीं मिला है और दो वर्ष का का एनपीए भी नहीं मिलने से सभी निराश दिखें। डाक्टरों ने प्रबंधन से इन समस्याओं को दूर करने का आग्रह किया है।

chat bot
आपका साथी