वैक्सीन लेने वाले चिकित्सक व सफाईकर्मी बोले, स्वदेशी टीका से कोरोना को हराना दिल को गौरवान्वित कर रहा
Corona Vaccination Lohardaga टीका लेने वाले सफाईकर्मी ने कहा कि मन में थोड़ी आशंका थी दिल में डर भी था। परिवार के लोग पूछ रहे थे कि कैसा लग रहा है। कहीं डर तो नहीं लग रहा है।
लोहरदगा, जासं। मुझे सदर हॉस्पिटल से मोबाइल पर फोन आया कि आपको कोविड-19 से बचाव को लेकर पहला वैक्सीन दिया जाएगा। सुबह 10:30 बजे आपको समाहरणालय परिसर स्थित पुराने मेसो भवन में तैयार रहना है। एक पल के लिए विश्वास ही नहीं हुआ कि मैं इतिहास का हिस्सा बनने जा रही हूं, कोविड-19 को हराने को लेकर जो जंग हम लड़ रहे हैं, उस जंग से लड़ने के इतिहास में मेरा नाम भी शामिल है। लोहरदगा जिले में वैक्सीन पाने वालों में पहला नाम होना ही मुझे गौरवान्वित कर गया। मन में थोड़ी आशंका थी, दिल में कहीं डर भी था। परिवार के लोग पूछ रहे थे कि कैसा लग रहा है। कहीं डर तो नहीं लग रहा, मुस्कुरा कर कह रही थी कि नहीं ऐसी कोई बात नहीं है।
जैसे ही मुझे कोविड-19 से बचाव का वैक्सीन दिया गया। वैसे ही सारा डर खत्म हो गया। खुशी इस बात की हुई कि जब चर्चा इस बात की होगी कि लोहरदगा में पहला वैक्सीन किसे दिया गया, तो उसमें मेरा नाम लिया जाएगा। मैं स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन, सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार और कोविड-19 के जिला नोडल पदाधिकारी डॉक्टर शंभू नाथ चौधरी का आभार व्यक्त करती हूं। यह कहना था लोहरदगा जिले में कोविड-19 से बचाव को लेकर पहला वैक्सीन पाने वाली सफाई कर्मी मनीषा देवी का।
मनीषा देवी सदर अस्पताल में सफाई कर्मी हैं, उन्हें वैक्सीनेटर अंजू लकड़ा और भिनसरिया मिंज द्वारा वैक्सीन दिया गया। स्वास्थ्य कर्मी के रूप में जिले में कोविड-19 से बचाव का दूसरा वैक्सीन पाने वाले कोविड-19 के जिला नोडल पदाधिकारी डॉक्टर शंभू नाथ चौधरी ने कहा कि गर्व महसूस हो रहा है कि स्वदेशी वैक्सीन का वह हिस्सा बने हैं। उन्होंने ब्लॉग या दूसरे माध्यमों से जितना भी पढ़ा, उसमें यह स्पष्ट हुआ कि हमारा स्वदेशी वैक्सीन सबसे ज्यादा कारगर है।
इस वैक्सीन का हिस्सा बनना ही उत्सुकता का विषय बना हुआ था। थोड़ी संशय था कि पता नहीं सारी प्रक्रिया इतनी सहज कैसे होगी। उन दिनों को भी भूल नहीं सकते, जब कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अपनों से दूरी बनानी पड़ी थी। फिर भी विश्वास था कि हमने आज तक जो लड़ाई कोविड-19 के खिलाफ लड़ी है, अब उस लड़ाई को खत्म करने का समय आ चुका है। मेरे लिए दोहरी खुशी का अवसर यह भी है कि मेरी पत्नी को भी आज ही वैक्सीन दिया गया।
साथ ही अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ मुझे जब वैक्सीन दिया जा रहा है, तो खुशी इस बात की भी है कि हमने मिलकर कोविड-19 को हराने की दिशा में एक कदम और बढ़ा दिया है। मैं सरकार और तमाम स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों का आभार व्यक्त करता हूं कि हमने संयम, हिम्मत और विपरीत परिस्थितियों से लड़ने को लेकर जो जज्बा दिखाया, आज हम उसी की वजह से इस मुकाम तक पहुंच सके हैं। लोहरदगा के समाहरणालय परिसर स्थित पुराने मेसो भवन में कोविड-19 से बचाव को लेकर दिए जा रहे वैक्सीन की प्रक्रिया के दौरान उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो, सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार, अरविंद कुमार लाल भी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर स्वास्थ्य कर्मी और वैक्सीन पाने वाले लोगों का हौसला बढ़ाया।