यह हैं सफाई के अलमबरदार, तालाबों को कर रहे साफ सुथरा

राजधानी में पर्यावरण दोस्त नाम की संस्था चलाने वाले जसवंत कुमार को सफाई का जुनून है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 02:48 AM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 06:14 AM (IST)
यह हैं सफाई के अलमबरदार,  तालाबों को कर रहे साफ सुथरा
यह हैं सफाई के अलमबरदार, तालाबों को कर रहे साफ सुथरा

जागरण संवाददाता, रांची : राजधानी में पर्यावरण दोस्त नाम की संस्था चलाने वाले जसवंत कुमार को सफाई का जुनून है। उन्होंने अपनी टीम बनाकर राजधानी के तालाब और नदियों की सफाई का बीड़ा उठाया है। जसवंत कुमार सफाई का आंदोलन चलाकर अब तक कई तालाबों को साफ सुथरा कर चुके हैं। जसवंत कुमार कहते हैं कि स्वच्छता का संकल्प तभी हासिल किया जा सकता है जब हमलोग भी इसमें भागीदारी बनें। जसवंत कुमार पर्यावरण दोस्त नामक संस्था के सचिव हैं। राजधानी की सफाई उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने सफाई के लिए श्रमदान का काम तब शुरू किया जब उनके साथ सिर्फ एक या दो लोग ही जुड़े थे। अब उनकी टीम में 500 से ज्यादा ऐसे लोग हैं जो सफाई के प्रति अपनी जिदगी समर्पित कर चुके हैं। तालाबों के अलावा नदियों की सफाई और अपने मोहल्ले के आसपास के इलाके को साफ रखना भी उनकी पहचान बन गया है। जसवंत ने अपने इलाके में छोटी-छोटी समितियां बनाई हैं। इन समितियों के जरिए वह लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हैं। उनकी समिति में डॉक्टर, इंजीनियर, प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, अधिवक्ता, चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि बुद्धिजीवी शामिल हैं। यह समिति न केवल लोगों को जागरूक करती है, बल्कि जिस मोहल्ले में जाती है वहां श्रमदान कर खुद सफाई भी करती है।

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.. ताकि तैयार हो सफाई के दोस्तों की अगली पीढ़ी

जसवंत बताते हैं कि उन्होंने अपनी समिति में छोटे-छोटे बच्चों को भी रखा है, जो समिति के साथ रहकर सफाई के गुर सीख रहे हैं। उनकी मंशा है कि वह सफाई के प्रति जुनून रखने वालों की अगली पीढ़ी भी तैयार करें।

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जेल तालाब से निकाला दो टन कचरा

जसवंत बताते हैं कि उन्होंने सुबह 5:30 बजे से 8 बजे तक जेल तालाब में स्वच्छता अभियान चलाया। मंगलवार को भी सुबह 6 बजे से 8 बजे तक जेल तालाब को साफ करने का अभियान चला और इसमें 14 लोगों ने मिलकर दो टन कचरा तालाब से निकाला। जेल तालाब को काफी हद तक साफ कर दिया गया है। जसवंत कुमार ने बताया कि उनका अभियान तब तक चलता रहेगा जब तक तालाब पूरी तरह से कचरे और प्लास्टिक से मुक्त ना हो जाए। उन्होंने बताया कि तालाब में बहुत सारा प्लास्टिक कचरा मौजूद है।

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लोगों से भी सफाई के लिए श्रमदान का आह्वान

पर्यावरण दोस्त संस्था के सचिव ने लोगों से भी पर्यावरण को बचाने के लिए श्रमदान का आह्वान किया है। उनका कहना है कि श्रमदान एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी को हफ्ते में कम से कम एक दिन सुबह 5:30 बजे से 2 घंटे तक इलाके की सफाई कर श्रमदान करना चाहिए। इससे उनकी सेहत भी ठीक रहेगी।

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लोग खुद रखें एहतियात तब साफ होगा शहर

जसवंत ने बताया कि पर्यावरण को बचाने के लिए सिर्फ सरकार और चंद संस्थाओं की मदद से लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता। इसके लिए सभी लोगों को श्रमदान का हिस्सा बनना होगा। यही नहीं लोग भी और तालाब या यहां वहां कचरा ना फेंकें। उनका कहना है कि लोग घर के साथ ही समाज और पर्यावरण को भी साफ-सुथरा रखें और इसे अपनी आदत में शुमार कर लें।

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