बनारस की गंगा नदी में अब सीएनजी से चलेंगी नाव, जानें क्या है सरकार की तैयारी
Jharkhand News मेकान के जनसंपर्क अधिकारी संदीप सिन्हा ने बताया कि गंगा में चलने वाली नाव से कई बार पेट्रोल-डीजल का रिसाव नदी के जल में होता है। इसके साथ ही नाव के प्रोपेलर को चलाने के लिए मोटर से काला धुआं निकलता है।
रांची, जासं। वाराणसी में डीजल अथवा पेट्रोल से चलने वाली नावों को सीएनजी से चलाने का काम अपने पहले चरण में है। यह काम मुख्य रूप से गेल के द्वारा किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में गेल (इंडिया) लिमिटेड ने सीएनजी स्टेशनों के डिजाइन और अभियांत्रिकी एवं जेटी पर डिस्पेंसिंग सुविधा का काम मेकॉन को सौंपा है। इस कार्य के हो जाने के बाद वाराणसी नगर निगम के अंतर्गत डीजल-पेट्रोल ईंधन से चलने वाली नाव सीएनजी ईंधन से चलने लगेंगी।
इसका सीधा अनुकूल असर पर्यावरण पर पड़ेगा। इसके तहत 5 नावों के साथ परिक्षण अभी शुरू कर दिया गया है। इस बारे में बताते हुए मेकान के जनसंपर्क अधिकारी संदीप सिन्हा ने बताया कि गंगा में चलने वाली नाव से कई बार पेट्रोल-डीजल का रिसाव नदी के जल में होता है। इसके साथ ही नाव के प्रोपेलर को चलाने के लिए मोटर से भारी मात्रा में काला धुआं निकलता है। इसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ता है।
सीएनजी स्वच्छ ईंधन है। इस तरह गंगा और पर्यावरण की रक्षा में हम एक कदम और आगे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेकॉन परिवार इस प्रतिष्ठित परियोजना के साथ जुड़ कर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। नौकाओं के रूपांतरण को मेकॉन ने अपनी सीएसआर गतिविधि के हिस्से के रूप में लिया है। यह प्रयास भारत में अपनी तरह का पहला है। शनिवार को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस परियोजना की समीक्षा भी की।