Jharkhand Durga Puja: देवी की शक्ति में झलकती है बंगाल की भक्ति

Jharkhand Durga Puja घोष परिवार का शारदीय नवरात्र पूजा का पूरा विधि-विधान बंगाली रीति रिवाज से होता है। उनका यह आयोजन कई मायने में अनूठा होता है। प्रतिमा का निर्माण स्वयं करते हैं। डीसी आफिस के समीप मां दुर्गा व अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित करते हैं।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 02:55 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 02:55 PM (IST)
Jharkhand Durga Puja: देवी की शक्ति में झलकती है बंगाल की भक्ति
घोष परिवार का शारदीय नवरात्र पूजा का पूरा विधि-विधान बंगाली रीति रिवाज से होता है।

चतरा{अलख सिंह} । घोष परिवार का शारदीय नवरात्र की आराधना आकर्षण का केंद्र होता है। पूजा का पूरा विधि-विधान बंगाली रीति रिवाज से होता है। उनका यह आयोजन कई मायने में अनूठा होता है। आयोजन में आने वाला खर्च स्वयं वहन करते हैं। प्रतिमा का निर्माण स्वयं करते हैं। डीसी आफिस के समीप मेला टाड़ के रास्ते में घोष परिवार खुद के मकान के बाहर मां दुर्गा व अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित करते हैं। षष्ठी को प्रतिमा स्थापित कर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ परिवार के सदस्य माता की आराधना में जुट जाते हैं।

षष्ठी तिथि को शंख ध्वनि घर के लोगों द्वारा उल्लू ध्वनि एंव ढाक के अद्भुत मिश्रण के साथ संध्या काल में बेल बरन की पूजा का अनुष्ठान कर मां भगवती को विराजमान होने का निमंत्रण दिया जाता है। नीरेंद्र नाथ घोष ने बताया कि पूजा की शुरुआत 1970 में वीरेंद्र नाथ घोष द्वारा की गई थी। जिसे परिवार के सदस्यों द्वारा 52 वर्षों से लगातार भव्य आयोजन किया जा रहा है। पूजा स्थल पर प्रतिदिन संध्या आरती का आयोजन किया जाता है। जो यहां के लिए अनूठा है। घोष परिवार द्वारा अष्टमी तिथि को संधि पूजा का अनोखा नजारा पेश किया जाता है।

निजी खर्च पर होता है आयोजन

घोष परिवार द्वारा भव्य पूजा का आयोजन किया जाता है इस पूजा कार्यक्रम में आने वाले सभी खर्च को परिवार के सदस्य स्वयं वहन करते हैं। पूजा संचालन के लिए किसी प्रकार का चंदा नहीं लिया जाता है।

घोष परिवार के घर में आयोजित शारदीय नवरात्र के दौरान महा अष्टमी तिथि को भव्य पूजा होती है। इस तिथि को 108 श्वेत कमल पुष्प से मां की आराधना की जाती है। जो अपने आप में अनूठा है।

जगमग होते हैं 108 घी के दीप

महाष्टमी तिथि को मां दुर्गा की आराधना शुद्ध घी के दीपक से घोष परिवार द्वारा की जाती है। यहां पूरी श्रद्धा के साथ परिवार के सदस्य शुद्ध घी के 108 दीपक जलाकर मां की विशेष आरती करते हैं।

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