Ranchi news रिम्स के अधिकारियों ने नहीं उठाया डिप्टी मेयर का फोन, चाचा नहीं हो सके भर्ती, तड़प-तड़प कर चली गई जान
राजधानी के हालात बदतर होते जा रहे हैं। रिम्स की हालत खराब हो गई है। डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय के चाचा ने तड़प-तड़प कर जान दे दी मगर किसी अधिकारी ने उनका फोन नहीं उठाया। वो अपने चाचा को रिम्स में भर्ती कराना चाहते थे।
रांची (जासं) : राजधानी के हालात बदतर होते जा रहे हैं। रिम्स की हालत खराब हो गई है। डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय के चाचा ने तड़प-तड़प कर जान दे दी मगर, किसी अधिकारी ने उनका फोन नहीं उठाया। वो अपने चाचा को रिम्स में भर्ती कराना चाहते थे। कहा कि जब उनके चाचा की तबीयत बिगड़ी तो राजधानी के तमाम अफसरों व प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन ना तो कोई अधिकारी फोन उठा रहे थे और ना ही मदद को कोई आगे आ रहा था। उन्हें आक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी।
डिप्टी मेयर ने व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में खासकर रिम्स में न तो आक्सीजन सिलेंडर है ना ही मरीजों को कोई मूलभूत सुविधा मिल पा रही है। हाल तो ये है कि रिम्स के बड़े अधिकारी जिनका नंबर उपायुक्त इमरजेंसी के लिए अखबारों में जारी कर रहे हैं, वो भी फोन नहीं उठा रहे हैं।
जिनका मोबाइल नंबर सेव है वो भी फोन नहीं उठा रहे
डिप्टी मेयर ने बताया कि जिनके मोबाइल में जिनका नंबर सेव है, वो अधिकारी भी फोन नहीं उठा रहे हैं। आम आदमी का फोन क्या उठाते होंगे। जिले के अधिकारी और इलाके के मजिस्ट्रेट तक फोन नहीं उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मरीज के लिए जब प्राइवेट हॉस्पिटल में रखने की मिन्नत कर रहे हैं तो वो भी फोन उठाना बंद कर देते हैं। घर में ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। बाद में मारवाड़ी सहायक समिति के सदस्यों ने दो आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए। हालांकि किसी हॉस्पिटल में जगह का इंतजाम का नहीं हो पाया और इलाज की कमी के कारण चाचा की मौत हो गई।
उनके पास नहीं है कोई अधिकार : डिप्टी मेयर ने व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए बताया कि सरकार नगर निकाय का चुनाव कराती है। मगर, उनके पास कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वो घर में रहें। मास्क लगाएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।