पारा शिक्षकों के स्थायीकरण मामले में सौंपी रिपोर्ट

राज्य के 70 हजार पारा शिक्षकों के स्थायीकरण व अन्य मांगों को लेकर गठित समिति ने रिपोर्ट सौंप दी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 01:11 AM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 01:11 AM (IST)
पारा शिक्षकों के स्थायीकरण मामले में सौंपी रिपोर्ट
पारा शिक्षकों के स्थायीकरण मामले में सौंपी रिपोर्ट

राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य के 70 हजार पारा शिक्षकों के स्थायीकरण व अन्य मांगों को लेकर गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने अपनी अनुशंसा मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी को सौंप दी है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के प्रशासी पदाधिकारी जयंत मिश्रा ने इसकी जानकारी एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल को शुक्रवार को दी। बताया कि राज्य सरकार द्वारा उक्त अनुशंसा पर अंतिम निर्णय लेने में एक माह का समय लग सकता है। यह जानकारी मिलने के बाद मोर्चा ने 22-23 को राजभवन के समक्ष अपना प्रस्तावित धरना कार्यक्रम स्थगित कर दिया। हालांकि जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी।

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के समय ही इनका धरना कार्यक्रम को देखते हुए पारा शिक्षकों को वार्ता के लिए बुलाया गया था। प्रशासी पदाधिकारी ने उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा रिपोर्ट सौंप दिए जाने की जानकारी देने के साथ ही पारा शिक्षकों से धरना स्थगित करने का अनुरोध किया, जिसे पारा शिक्षकों ने स्वीकार कर ली। प्रशासी पदाधिकारी ने अगले सप्ताह मुख्य सचिव के साथ वार्ता कराने का भी आश्वासन दिया। वार्ता में शामिल पारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल में संजय दूबे, विनोद बिहारी महतो, ह्रषिकेश पाठक, बजरंग प्रसाद आदि शामिल थे।

मांग पर विचार करने के लिए गठित की गई थी कमेटी

बता दें कि मुख्य सचिव के निर्देश पर कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल की अध्यक्षता में पारा शिक्षकों की मांग पर विचार करने के लिए कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी की कई बैठकें हुर्ई, जिनमें पारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को भी बुलाया गया था। कमेटी ने कई राज्यों में लागू पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावलियों का भी अध्ययन किया है। बताया जाता है कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इन राज्यों में लागू प्रावधान की जानकारी दे दी है। साथ ही पारा शिक्षकों की कॉमन परीक्षा लेकर उनकी सेवा नियमित करने का भी विकल्प दिया गया है। ऐसे में राज्य सरकार पर पड़नेवाले बोझ से भी अवगत करा दिया गया है।

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