ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव की जीवनी पाठ्यपुस्तक में शामिल करने की मांग

ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव के शहादत दिवस पर हटिया स्थित शहादत स्मारक पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 07:12 AM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 07:12 AM (IST)
ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव की जीवनी पाठ्यपुस्तक में शामिल करने की मांग
ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव की जीवनी पाठ्यपुस्तक में शामिल करने की मांग

जागरण संवाददाता, रांची: ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव के शहादत दिवस पर हटिया स्थित शहादत स्मारक स्तंभ में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव अध्ययन केंद्र की ओर से किया गया। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लोगों ने प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। ठाकुर नवीन नाथ शाहदेव ने राज्य सरकार से शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव की जीवनी को पाठ्य पुस्तक में शामिल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 16 अप्रैल 1858 को सुबह 5.30 बजे रांची जिला स्कूल के प्रांगण में अंग्रेजों ने उनको फांसी पर लटका दिया। बड़कागढ़ इस्टेट को अंग्रेजों ने अपने अधीन कर लिया और ठाकुर का गढ़ हटिया स्थित चिरनागढ़ को तोप से उड़ाकर ध्वस्त कर दिया। उनकी धर्मपत्नी और एकमात्र पुत्र को मारने का ब्रिटिश सरकार ने षड्यंत्र रचा जिसके परिणाम स्वरूप ठकुरानी को गढ़ छोड़कर भागना पड़ा और 12 साल निर्वासित होकर गुमला स्थित खोरहा जंगल में बिताना पड़ा। उन्होंने कहा कि ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव से अंग्रेज भय खाते थे। समारोह का संचालन लाल सूरज नाथ शाहदेव ने किया। मौके पर इंदर गोप, गुप्तेश्वर सिंह, सीताराम ओहदार, परवेज खलीफा, सुधांशु नाथ शाहदेव, सोनू सिंह, पंकज कुमार, राकेश उरांव, जेम्स मिज आदि शामिल थे।

इधर, झारखंड सेनानी कोष के सदस्य ठाकुर लाल प्रवीर नाथ शाहदेव की अध्यक्षता में सादगी पूर्वक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें धुर्वा थाना प्रभारी राजीव कुमार सहित बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में सुनीता शाहदेव, सतीश कुमार, हरेराम रजवार, श्रीकांत मुंडा, शेखावत अली, बंधन उरांव आदि प्रमुख थे।

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