तुलसी, नीम और गिलोय का काढ़ा करेगा संक्रमण से रक्षा, कोरोना के दूसरे लहर में ऐसे बढ़ाएं इम्यूनिटी
राज्य में कोरोना की दूसरी लहर लोगों को तेजी से अपने चपेट में ले रही है। राज्य सरकार के द्वारा टेस्टिंग की व्यवस्था की गयी है। मगर फिर भी अब हालत ऐसे हैं कि अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं।
रांची, जासं । राज्य में कोरोना की दूसरी लहर लोगों को तेजी से अपने चपेट में ले रही है। राज्य सरकार के द्वारा टेस्टिंग की व्यवस्था की गयी है। मगर फिर भी अब हालत ऐसे हैं कि अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम मास्क, सैनिटाइजर के साथ शारीरिक दूरी का पालन करें। उम्र वर्ग के मुताबित वैक्सीन लगवाएं। इसके साथ ही सबसे जरूरी अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करें। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तुलसी, नीम और गिलोय काफी फायदेमंद साबित हुए हैं। ऐसे में इनका काढ़ा रोज पीना चाहिए।
आयुर्वेदाचार्य डा भरत कुमार अग्रवाल बताते हैं कि आयुष मंत्रालय के निर्देशानुसार आयुष काढ़ा, गिलोय धनवटी, संशामनी वटी, गर्म पानी, हल्दी-दूध आदि का प्रयोग करने के साथ ही आसान-व्यायाम से भी लोगों ने प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर अपना बचाव कर सकते हैं। संक्रमण के दूसरे लहर में भी आयुर्वेद बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जैसा की हम जानते हैं कि पारंपरिक रूप से हमारे घरों में शरीर में इंफेक्शन के लिए तुलसी और नीम का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही गिलोय की गोली या काढ़ा भी बहुत फायदेमंद है।
तुलसी, नीम और गिलोय की पत्तियों को पीसकर रस बनाएं। इसके दो कप पानी में उबालें जब पानी एक कप रह जाए तो अच्छे से छानकर पिए। इस काढ़े को दिन में अधिकतम दो बार ले सकते हैं। वहीं एक लीटर पानी में कुटी हुई सौंठ, तुलसी की पत्तियां, गिलोय का गूदा, चिरायता, नीम और पपीते के पत्तों को डालकर उबालें। एक चौथाई रह जाने पर हटा लें। इसके अच्छे से छानकर दिन में दो बार हल्का गर्म पी सकते हैं। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता का काफी विकास होता है।